एलिज़बेथ १ ओफ एङ्लन्द

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  एलिज़बेथ १ (७ सितेम्बर १५३३ -२४ मर्छ १६०३) १७ नवेंबर ,१५५८ से उन्कि म्रुत्यु तक इंग्लैड और आयरलेंदड की रानी थी| वह "ध वर्जिन क्वीन","ग्लोरियाना", और "गूड क्वीन बेस्स के नाम से भी जानी जाती थी| उनका राज तिलक १५ जनवरी १५५९ को हुआ था| उनके पूर्वज मेरी १ और फिलिप थे| उनके वारिस थे जेम्स १ थे| उनका जन्म पेलस ओफ प्लेसेन्तिअ, ग्रीन्विछ,एङ्लन्द मैं हुआ था| उनका घर "टुडोर" था| उनके पिता का नाम हेनरी ८ था| उनकी माता का नाम अन्नी बोलियन था| व्ह अङ्लिकन धर्म की पालन करती थी|   
 
ऍलिज़िबेथ १ आफ इङ्लैंड
  यह इंग्लैड के सम्राट "हेनरी अश्ट्म" की बेटी होने के नाते जन्म पर एक राजकुमारी थीं,लेकिन इनके जन्म के ढाई साल बाद ही इनकी माता, ऐन बोलिन को मार दिया और इनहे नाजायज घोषित कर दिया था| १५५३ तक इनके सौतेले भाई एडवर्ड ६ के शासनकाल के बाद इन्की बहन मैरी १ ने शासन संभाला| मैरी के संतानरहित होने के बाद एलिज़बेथ ने १७ नवंबर १५५८ को अंग्रेजी सिंहासन की बागडोर संभाली| इन्होने अपने इर्द गिर्द बहुत से समझदार व्यक्तियों को मंत्री परिषद् में रखा जिस से ब्रिटेन सुव्यवस्थित हुआ| इन्होनें एङ्लन्द में "इंग्लिश प्रोटिस्टेनट चर्च" की नींव रखी और स्वयं को उसका अध्यक्श बना लिया| इस से वे ब्रिटैन की राजनैतिक नेता और धार्मिक नेता दोनों बन गयी| इस से रोमन कैथोलिक शाखा का पोप नाराज हो गया| वह ब्रिटैन को धार्मिक मामलों में अपने अधीन एक कैथोलिक राष्ट्र मानता था| उसने १५८० में यह आदेश दिया की ब्रिटेन के नागरिकों को एलिज़बेथ से वफादारी करने की आवशयकता नहीं हैं| इस से ब्रिटेन के कैथोलिक समुदाय से एलिज़बेथ के खिलाफ बहुत से हमले हुए और कयी विद्रोह भडके,लेकिन एलिज़बेथ अपने मंत्रियों की गुप्तचर सेवा की मदद से सत्ता पर बनी रहीं| १५८८ मे पोप के आग्रह पर स्पेन(जो एक कैथोमलिक राष्ट्र था) ने ब्रिटैन पर एक समुद्री जहाजों पर बडा लेकर आक्रमण को "स्पेनी अर्मोढा" कहा जाता है| एलिज़बेथ की नौसेना ने उसे हरा दिया और यह जीत इंग्लैड की सबसे ऐतिहासिक जीतों में से एक मानी जाती है|
  एलिज़बेथ के शासनकाल को एलिज़बेथ् एरा यानी एलिज़बेथ क युग के नाम से जान जाता है| वो अपनी शासन में अपने पिता व भाई बहन के मुकाबले ज़्यादा उदार थी| उनकी बहन मैरी ने सैंकढों प्रोटेस्टैंट को मरवा दिया था जिसकी वजह से उसे खूनी मैरी के नाम से भी जाना जाता है| एलिज़बेथ ने ऐसा कोई काम नहीं किया| वह लोकप्रिय शासक के रूप में जानी जाति थीं| एलिज़बेथ के काल में ब्रिटिश सहित्य और नाटककार फले फूले, जिनमें विलियम शेक्स्पियर और क्रिस्टोफर मलर्वे के नाम से नुमाया है| उनके दौर में ब्रिटैन के नौसैनिक दूर-दूर खोज यात्राओं में निकले| फ्रांसिस ड्रेक ने उत्तर अमेरिका की यात्रा करी| माना जाता है कि उनके ४४ साल के राज से ब्रिटैन में एक शक्तिशाली राशट्रीय भावना फैल गयी जिसने आगे चलकर ब्रिटैन को विश्वास का सब से शक्तिशाली देश बनने में योगदान दिया| वह एसे समय में अपना सिंहासन बचाते हुए लंबे समय तक एक शासन दे सकी जब पडोसी राज़्यों के शासक अंदरूनी विवादों में उलझे रहे और अपनी सत्ता गंवाते रहे, जैसे कि उनकी भतीजी व स्काटलैंड की रानी मैरी जिसे उन्होनें अपने खिलाफ षडयंत्र रचने के अपराध में १५६८ में म्रुत्युदंड दे दिया| कुछ इतिहासकार उन्हें चिड्चिडा व जल्द कोई फैसला ना ले पाने वाला शासक मानते हैं और उन्हें उनकी काबिलियत से ज़्यदा भाग्यशाली बताते हैं|
 
  
 ==<बचपन और शिक्शा>==:
      एलिज़बेथ का जन्म ग्रीनविच के महल में हुआ था<रेफ>https://www.biography.com/people/queen-elizabeth-i-9286133</रेफ>| उनका नाम उनकी दादी यार्क की एलिज़बेथ के नाम पर रख गया था| वह हेनरी अष्टम की दूसरी संतान थी|उनकी माता एने बोलेन हेनरी की दूसरी पत्नी थी| जन्म के वक़्त एलिज़बेथ को अंग्रेजी सिंहासन का स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जाता है| उनकी सौतेली बहन मैरी १, इंग्लैंड की रानी ने यह उत्तराधिकार उस वक़्त खो दिया था जब हेनरी ने अपनी पहली पत्नी ऍरागॅन की कैथरीन से अपनी शादी को नाज़ायज़ घोषित कर के ऍन से विवाह कर लिया<रेफ>http://www.elizabethan-era.org.uk/childhood-of-queen-elizabeth-i.htm</रेफ>| हेनरी ऍन से इस उम्मीद में विवाह बंधन में बंधे थे कि उन्हें पुत्र प्राप्ति होगि और टयूडर राजवंश चलता रहेगा| २० सितंबर को एलिज़बेथ को ईसाई धर्म में शामिल किया गया| जब एलिज़बेथ २ साल की थी तब पिता हेनरी के आदेश पर उनकी माता ऍन बोलने को १९ मैइ १५३६ को म्रुत्युदंड दे दिया गया|एलिज़बेथ की शुरुवाती सेविका मागरिट ब्रायन ने लिखा था कि उन्होनें एलिज़बेथ से ज़्यदा प्यारा,आज्ञाकारी और विनम्र बच्चा कभी नहीं देखा था| कैथरीन कैम्परनोवेन १५४५ से उनकी अध्यापिका थी व १५६५ में उनकी म्रुत्यु तक उनकी दोस्त बनी रहीं| कैपरनोवेन ने एलिज़बेथ को चार भाशाऍ फ्रेन्च, फेलेमिश, इटैलियन और स्पेनिश सिखायीं| इसके बाद एलिज़बेथ ने ग्रिंडेल और रोजर एश्कम से शिक्शा ली जो उस समय के प्रसिद्ध शाही अध्यापक थे| १५५० में अपनी शिक्शा पूरी करने के समय वह अपनी पीढी की सबसे शिक्शित नारियों में से एक थी|


 ==राजतिलक==:
        एलिज़बेथ २५ की उम्र में ही इंग्लैडं की रानी बन गयी| राजतिलक के बाद शहर में भ्रमण के दौरान नागरिकों द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया,कठोर प्रोटेस्टेंट विचारों वाले नागरिकों के लिये ये बडी जीत थी| एलिज़बेथ ने भी अपनी प्रजा से बहुत स्नेह भरा व्यवहार किया| उनके अपने नागरिकों या प्रजा के प्रति इस खुलेआम स्नेह ने जनता को अभिभूत कर दिया था| अगले दिन १५ जनवरी १५५९ को वेस्टमिंस्टर एबी में एलिज़बेथ को कर्लिस्ले के कैथोलिक पादरी ओवेन ओग्लेथोर्प के द्वारा राजमुकुट पहनाया गया और रानी घोषित किया गया|जिसके बाद एक जश्न भरे मौहाल में उन्हें जनता के समक्श पेश किया गया<रेफ>www.historytoday.com/al-rowse/coronation-queen-elizabeth</र्[[चित्र:[[चित्र:फ>|thumb|right|200px|]]|thumb|right|200px|]]|