सदस्य:Vasant369/प्रयोगपृष्ठ

मेरा नाम वसन्त जोशी है।मैं बंगलौर से हूँ लेकिन 7 वीं कक्षा तक मैं मुंबई में था,इस्लिए मैं बिना किसी समस्या के हिंदी में बात कर सकता हुन। मेरे पिताजी का नाम रामकृष्ण जोशी है और मेरी माताजी का नाम मंगला जोशी है। मेरे पिताजी पैट्रोलियम उद्योग मे है और मेरि मा अग्रेंजी कि अध्यापिका है।मेरा एक बड़ा भाई है जिसका नाम शिशिर है। उसने अपनि इंजीनियरिंग पूरी कर ली है और अब एक कंसल्टेंसी फर्म के लिए काम कर रहा है।मेरे परिवार के सभी सदस्यों के दिमाग व्यापक और खुले हैं। बस यही हमारा छोतासा परिवार है, अब मेरे बारे मे क्या बताउ,मुझे बचपन से हि नए नए चिजे करने मे बदा आनन्द आता है, शायद इस्लिए मुझे विगयान और गनित मे बहुत रुचि है। मै बि.एस्.सि कर रहा हुन और अब मै अपने दुसरे सेमेसतेर मै हुन। मेरे पाठ्यक्रम में तीन मुख्य विषयों जैव प्रौद्योगिकी , रसायन विज्ञान और वनस्पति विज्ञान रहे हैं।जैसे मैने पेह्ले बताया मुझे नई चिजे करना पसन्द है,इसी कारण से मै हर खेल खेलता हुन और मुझे कितबे पधने क भि शौक है।मुझे नए लोगो से बात करना भि पसन्द है क्योकि जब हम दुसरो कि बाते सुन्ते है तोह हमे भि कफि कुछ नया सीखने मिलता है।मुझे अंग्रेजी उपन्यास के पुस्तक बहुत पसन्द है और मेरे सब्से चहिते लेखक स्तीफन किंग है।लेकिन कभि कभि मुझे कविताए पधना भि पसन्द है।कवितायो मे मुझे सबसे अधिक रोमानी कविताए पसन्द है और मेरे चहिते कवि है पाबलो नेरुदा।इन सब के अलावा मुझे कभि कभि खाना बनाना भि पसन्द है। बस इस्के अलावा मै अपने बारे मे क्या बताउ? बस अन्त मै इत्ना हि लिखुनगा कि, हमारे दुनिया फिर से नफरत फेल रहि है लेकिन ज्यादा देर तक नहि क्युन्कि जो ताकत हमारे प्यार मे है वो ताकत नफरत मे कहां। ^.^