सदस्य:Vikramgakhar/प्रयोगपृष्ठ


सहिष्णुता विरोधाभास कहता है कि यदि किसी समाज में असीमित सहिष्णुता है तो उसकी सहिष्णुता की क्षमता अन्ततः असहिष्णु तत्वों द्वारा ग्रस्त या नष्ट कर दी जाती है।

इसका सबसे पहले 1945 में कार्ल पॉपर ने विवरण किया था - "एक सहिष्णु समाज को चलाने के लिये असहिष्णुता के प्रति असहिष्णु होना आवश्यक है।"