सदस्य:Yashvardhansingh1997/एसटीपी मॉडल
एसटीपी मॉडल
संपादित करेंबाजार विभाजन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक बाजार में खरीदारों के समूहों की एक सीमा है, जो बाजार की विशेषताओं और प्रवृत्तियों के निर्धारण के हिसाब से बांटा जाता है| विभाजन की प्रक्रिया एक कालानुक्रमिक आदेश है, जो लक्षित और स्थिति को शामिल करने पर इस प्रकार का हिस्सा है। लक्ष्य निर्धारण विभाजन मंच से सबसे आकर्षक क्षेत्रों, आम तौर पर लोगों को व्यापार के लिए सबसे लाभदायक की पहचान करने की प्रक्रिया है। पोजिशनिंग अंतिम प्रक्रिया है, और यह अधिक व्यापार केंद्रित मंच है, जहां व्यापार उपभोक्ता के मन में अपने प्रतिस्पर्धी लाभ और स्थिति का आकलन करता है| इसके बदौलत् अधिक आकर्षक विकल्प को चुनता है| बडी-बडी कंपनियाँ जैसे आईटीसी, हिन्दुस्तान युनीलिवर इसी के बदौलत आज सफलता के शिखर पर है।
विभाजन
संपादित करेंविभाजन वो प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा संपूर्ण बाज़ार को विभिन्न समूहों में बाँटा जाता है। इससे व्यापार संगठन प्र्त्योगी लाभ पाने की चेष्टा करते है और अपने उत्पादों की बिक्री बढाकर अधिक लाभ पाते है। जैसे कि रेडिमेड वस्त्रों के लिए सम्पूर्ण बाज़ार को ३ विभागों में बाँटा जा सकता है- बच्चों के लिए, आदमियों के लिए और औरतों के लिए। विपण के जनक कहे जाने वाले; फिलिप कोटलर के अनुसार किसी भी बाज़ार को विभाजित करने के लिए हमें विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत पहलुओं को खूब अच्छी तरह से जाँच कर लेनी चाहिए। विभाजन प्रक्रिया करते समय विपणकों को अतएव सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इसी के ऊपर उनके व्यवसाय की नींव निर्भर करती है।
विभाजन की प्रक्रिया
संपादित करें१ सबसे पहले इस प्रक्रिया में संपूर्ण उपभोक्ता बाज़ार को भली-भाँती पहचानना होता है।
२ उसके बाद बाज़ार को भिन्न-भिन्न लघु समूहों में बाँटा जाता है।
३ तीसरे पडाव में;इन समूहों की संभावित बिक्री क्षमता और अनुमानित लाभ का पता लगाया जाता है।
४ इसके बाद सभी वर्गों की अद्वितीय विशेषताओं को रेखांकित किया जाता है।
५ आखिर में; हर व्यापार संगठन किसी एक वर्ग का चयन करता है जिस पर वे अपना संपूर्ण ध्यान केन्द्रित करना चाहती है।
विभाजन के महत्त्व
संपादित करें१ इसके द्वारा हर व्यापार संगठन अपने उत्पादों के माध्यम से ग्राहकों को अधिक संतुष्टी प्रदान कर पाते है।
२ वे उनकी ज़रूरतों व चाहतों का और प्रभावशाली ढंग से पूर्ण कर सकते है।
३ व्यापार संगठन इसके बदौलत अपने उत्पादों की बिक्री बढाने में कामयाब होते है।
४ विभाजन के ज़रिए से वे अपने ग्राहकों की आदतों, स्वाद और उम्मीदों का आसानी से पता लगा सकते है।
५ इसकी मदद से व्यवसायिक संस्थाएँ भिन्न-भिन्न बाज़ारों के लिए अलग-अलग नीतियाँ व रणनीतियाँ तैयार कर सकती है।
विभाजन के विभिन्न मानदंड
संपादित करें१ पहचान- विपणक प्रबंधक के पास निर्धारित रेखाएँ होनी चाहिए जिससे कि वह पहचान सके कि एक ग्राहक किस वर्ग में आता है। विभाजन में ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक वर्ग के सभी ग्राहकों में कोई-न-कोई समानता हो।
२ जनसांख्यिकीय विभाजन- विपणक प्रंबंधक एक बाज़ार को आयु,लिंग,आय,शिक्षा, जातीयता, वैवाहिक स्थिती, इत्यादी के आधार पर बाँट सकते है। उधारण के तौर पर- फनस्कूल भिन्न-भिन्न खिलौने अपने लक्षित ग्राहक- ७ से १२ साल के बच्चों के लिए लाते रहते हैं।
३ जीवनशैली- इसका अभिप्राय ग्राहकों के शौक व वह किस प्रकार अपना खाली समय व्यतीत करते है;उस पर निर्भर करता है। जैसे कि - क्लब महिंद्रा तरह-तरह के अवकाश की योजनाएँ के साथ आता रहता है जो कि एक हर वर्ग के ग्राहकों को लुभा सके।
४ भौगोलिक विभाजन- इसमें कम्पनियाँ एक बाज़ार को अलग-अलग राज्यों में जैसे- उत्तर, पूर्व, दक्षिण,इत्यादी में बाँट देती है। हिन्दुस्तान युनीलिवर इस तरह के विभाजन के लिए काफी लोकप्रिय है।
लक्ष्य निर्धारण
संपादित करेंलक्ष्य निर्धारण विभाजन से प्रक्रिया पर एक अनुवर्ती है, और वास्तव में चुनिंदा बाजारों का निर्धारण करने और खंड आकर्षक बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला तथा विज्ञापन मीडिया की योजना बनाने की प्रक्रिया है। प्रिंट और अन्य मीडिया स्रोतों के माध्यम से विज्ञापन के पारंपरिक लक्ष्य-निर्धारण प्रथाओं ने एक सामाजिक मीडिया उपस्थिति के लिए रास्ता बना दिया है। व्यवहार लक्ष्यीकरण इस परिवर्तन का एक उत्पाद है, और संभावित क्षेत्रों के लिए एक संदेश भेजने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन और डेटा संग्रह के अनुकूलन पर केंद्रित है।
बाज़ार लक्षित करने के विभिन्न प्रकार
संपादित करें१ एकल विभाजन- इसमें एक विशेष उत्पाद ; एक विशेष बाज़ार की ओर निर्देशित होता है। यह उत्पाद विशेषकर एक प्रमुख लक्षित बाज़ार के लिए बनाया गया होता है। उधारण के लिए- आईडी बैंगलोर में डोसे और इडली का बैटर अविवाहित लोगों के लिए बनाता है जिनको खाना बनाना नहीं आता।
२ चयनात्मक विशेषज्ञता- इधर अलग-अलग बाज़ार क्षेत्र के लिए अलग-अलग उत्पादों तैयार किए जाते है;जैसे कि बाटा पुरुषों, स्त्रियों व बच्चों के लिए अलग-अलग तरह की चप्पलें लेकर आता है।
३ उत्पाद विशेषज्ञता- इस तरह के बाज़ार लक्षित करने के प्र्कार में एक विशेष उत्पाद हर विशेष समूह के लिए उपलब्ध कराया जाता है। उधारण- शिल्पा बिन्दीयाँ काश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक उपल्ब्ध है।
४ बाज़ार विशेषज्ञता- यहाँ एक विशेष बाज़ार के लिए भिन्न-भिन्न तरह के उत्पाद उपलब्ध होते है; जैसे कि- रामराज के उत्पाद पूरे दक्षिण भारत में मौजूद है।
५ पूर्ण बाज़ार कवरेज- इस प्र्कार में एक व्यवसाय संगठन संपूर्ण बाज़ार में अपने अलग-अलग उत्पादों से अपनी पैठ बनाने का प्रयत्न करता है।उधारण- पतंजलि
पोजिशनिंग
संपादित करेंयह यसटीपी मॉडल का आखरी पडाव है। इधर सभी कम्पनीयाँ अपने-अपने उत्पादों की ग्राहकों के मस्तिष्क में अलग पहचान बनाने का प्रयत्न करती है। पोजीशनिंग के तीन प्रकार के होते हैं; इन कार्यात्मक पोजिशनिंग, प्रतीकात्मक स्थिति, और अनुभवात्मक पोजीशनिंग हैं।कार्यात्मक पोजिशनिंग उत्पादों या सेवाओं है कि उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं या वासना के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया है। प्रतीकात्मक पोजिशनिंग ब्रांड की विशेषताओं है कि ग्राहकों के 'आत्म-सम्मान को पूरा करने पर आधारित है। अनुभवात्मक स्थिति ब्रांड है कि ग्राहकों के साथ भावनात्मक संबंध को प्रोत्साहित कर ग्राहकों को उत्पाद खरीदने के लिए तत्पर करें।