हाइड्रोजन बम परमाणुबम का एक किस्म है। हाइड्रोजन बम या एच-बम अधिक शक्तिशाली परमाणु बम होता है। इसमें हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यू टीरियम और ट्राइटिरियम की आवश्यकता पड़ती है। परमाणुओं के संलयन करने से बम का विस्फोट होता है।


हाइड्रोजन बम के भाग

एच-बम एक प्रकार का थर्मोन्यूक्लियर बम है| भारी हाइड्रोजन के नाभिक के विलय के कारण यह एक न्यूक्लियर फ्यूषन बम के नाम से जाना जाता है| क्योंकि अधिक तापमान एवम् अधिक दबाव के कारण इसका विलय होता है, विखंडन बम का प्रयोग संलयन बम में आग लगाने हेतु किया जाता है| हाइड्रोजन बम का विचार सबसे पहले 1949 में जनता के ध्यान में आया जब सोवियत संघ ने अपनी पहली विखंडन बम को विस्फोट किया, और 1950 में अमरीकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन लॉस एलामोस डिजाइनरों को आदेश दे, बम का निर्माण समाप्त करवाया|


हाइड्रोजन बॉम्ब का केंद्रीय भाग युरेनीयम (या प्लुटोनीयम) विखंडन बॉम्ब होता है,जो लिथिउम हैड्राईड, एक भारी हाइड्रोजन यौजिक, से घिरा होता है|यह फिर युरेनीयम से घिरा होता है| जब केंद्रित विखण्ड बम विस्फोट करता है, अधिक मात्रा में गर्मी और दबाव का उत्पादन के कारण आस-पास के सारे भारी हाइड्रोजन नाभिक विलय करना शुरू करते है| इस कारण एक श्रृंखलित प्रतिक्रिया विकसित होती हैऔर भयानक मात्रा में ऊर्जा निर्मुक्त होती है|इस बम का आकार एक हद के आगे नही बढ़ाया जा सकता है क्योंकि यह दो भाग में और हर भाग का आकर क्रिटिकल आकर से कम होना चाहिए| एक बार जब विलय आरम्भ होजता है फिर व स्वयं ही सारे भागों में फैल जाता है| इसी कारण हाइड्रोजन बम किसी भी विखंडन बम से कही अधिक भयंकर माना जाता है| इसका प्रभाव एक बार शुरू होने पर सालों चलता है|एच-बम का विलय एक अनियंत्रित प्रक्रिया है| आजतक विलय से होने वाले नुकसान को रिकने की विधि प्राप्त नही हुई है| यही कारण है की इस बम को अति हानिकारक माना जाता है|






 
Foam plasma mechanism firing sequence. साँचा:उच्च विस्फोटक आग की प्रक्रिया






विलय रिएक्टर, विखण्ड रिएक्टर से अधिक सुविधाएं प्रदान करता है| उधारण के लिया, यदि कोई रेडियोधर्मी वास्तु विलय रिएक्टर में ना बने तो कोई विपद ना होगा| अथवा रेडियोधर्मी वास्तु का निपटान का भी कोई झंझट न होगा| फिलहाल, अवांछित रेडियोधर्मी वस्तुओं को स्टेनलेस स्टील ड्रम्स में सील कर समुद्र में फेक दिया जाता है या फिर रेगिस्तान की ज़मीन में अंदर दफ़नाया जाता है|विखण्ड बम की मुख्य पुरजा युरेनीयम है जिसकी मात्रा सीमित है और कुछ वर्षो में यह पात्र ख़तम होने की कगार पर आजाएगा| परंतु एच-बम में हाइड्रोजन है जो समुद्र के पानी में प्रचुरता में पाया जाता है| इस कारण यह सालों तक विश्व को उर्जा प्रदान कर सकता है यदि इसका सही उपयोग किया जाए तो|


 
हाइड्रोजन बम से उत्पन्न कुकुरमुता के सदृश बादल - ये बादल बम के गिरने के स्थान से लगभग १८ किमी उपर तक उठे थे।


अभ्यास-संबंधी कठिनाइयाँ

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विखंडन रएअकटोर में विखंडन ऊर्जा को नियंत्रित करना संभव है| परंतु विलय ऊर्जा को नीयंत्रित करने का केवल सपना देख सकते है हम| उसके लिए १००००००००°सी का तापमान अवश्य है जिसके होने पर विलय होने वाले परमाणु भिन्न-भिन्न हो जाते हैं जिनको प्लास्मा के नाम से जाना जाता है|कोशिश की जा रहीं है की प्लास्मा को सिरकुलर मॅग्नेटिक क्षेत्र में रक्खा जा पाए| यदि एसा हो जाए तो इस विलय ऊर्जा को नीयंत्रित किया जा सकता है जिससे जापान नागासाकी पर गिराये बम के गिरने का अस्सर रोका जा सकता है|

निष्कर्ष

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एक विलय बम अत्यधिक विनाशकारी होता है| पहला एच-बम का १९५४ में परीक्षण किया गया था और वह विखण्ड बम से १०० गुना शक्तिशाली पाया गया था| ऐसा माना जाता है की यदि यह शक्तिशाली विलय बम ग़लत हाथो में आने से प्रलय मचा सकते हैं जिससे जीवन नष्ट हो सकता है|


इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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सामान्य
इतिहास
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