ईको वाईरस

ये वाईरस अत्यधिक संक्रामक हे ओर इसका प्रधम लक्ष्य बच्चों हे। इस वाईरस का प्रभाव अति भयानक हे। एक ईको वाईरस के कुछ वायरल प्रतिकृति संक्रमण के बाद नासोफार्निक्स में होता है और उसके बाद क्षेत्रीय लिम्फ नोड्स को फैलाता हे। लेकिन ज्यादातर वायरल कणों निगल रहेगा और वे आंत पथ पहुँचेगा जहां वायरस विशिष्ट रिसेप्टर्स से बाँधा गया हे। उसके बाद वाईरस आंत्रिक ट्रैक्ट की ओर फैलाता हे। लेकिन रासते में सेलुलार प्रभाव नहीं होता हे। उसके बाद वाईरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, जिगर, तिल्ली, अस्थि मज्जा, दिल ओर फेफडों में भी फैलता हे। वाईरस के अतिरिक्त प्रतिक्रिति ४ से ६ दिन बाद होता हे। सबसे भयानक हालत तब होता हे जब ये वाईरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में फैलना शुरु करते हे। ईको वाईरस रोग पुरुषों और बच्चों में अधिकतर होता है। जन्म के दो हफते का भीतर होनेवाला संक्रमण तबाहि ओर घातक रोग पैदा कर सकता हे। ईको वाईरस एक कम बुखार के साथ एक हल्के अविशिष्ट बीमारी बनता है। उसके साथ साथ ईको वाईरस गर्दन, ऊपरी एकस्ड्रिमिडीस ओर छाती में लाल चक्ते भी फैलाती थी। ईको वाईरस का संक्रमण का कारण कुछ भी हो सकता हे। जैसे कि गरीब इलाकों का भीड भरा ओर खराब स्वछता। ये वाईरस एक आदमी से दूसरी आदमी पर फैला सकता हे। कभि कभि हमारा श्वास ओर लार से भी फैलता हे। अन्य मार्गों से भी ये वाईरस फैल सकता हे। प्रदूषिद पानी,खाना आदी उसका उदाहरण हो सकता हे। स्विमिंग पूल और वेडिंग पूल अगर प्रदूषिद हे तो ये वाईरस फैलने का दूसरा मार्ग हो सकता हे। अस्पताल कर्मियों की दूषित हाथों के माध्यम से भी ये वाईरस फैल सकता हे। माना हे कि इस वाईरस को रोकने केलिए कोई मार्ग नही मिला हे। इस वाईरस को पहचानने केलिए कोई भी विशेष मार्ग नहीं हे। हम इस नही पडने केलिए सावधानियाँ ले सकता हे। जैसे कि मरीजों को देखने के बाद हाथ धोना, शुध ओर अच्छा पानी देना,हमारा घर ओर परियावरन को प्रदूषिद नहीं करना,साफ रहने की स्थिति प्रदान करने आदी। अगर इस वाईरस हल्का रूप में हे तो बिना इलाज से ठीक हो सकता हे। अगर वाईरस दिल,फेफडो जैसे अवयवों में फैल गया तो उस आदमी का अंत भी हो सकता हे। ईको वाईरस सभी उम्र की लोगों को हो सकता हे। यह दुनिया भर में देखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा यह वाईरस का प्रभाव औरत से ज्यादा मर्द में देखती जा रही हे। वह ये भी कहता हे की जो बच्चें १५ वर्ष के कम हे उन्हें इस वाईरस का प्रभाव बहुत जल्दी पडती हे। अगर गर्भवति महिला इस वाईरस से पीडित हे तो उसका बुरा असर उस नवजात शिशु पर हो सकता हे।

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