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Latest comment: 4 वर्ष पहले by Kavi Ankit prasoon in topic कविता
हमारे दिल कि दुनिया में मेरे हमदम चले आएं हमारे हिस्से में सारे तुम्हारे गम चलें आएं चलो आपस में मिल कर के बना ले प्यार का संगम उधर से तुम चली आओ इधर से हम चले आएं
कविता
संपादित करेंहमारे दिल कि दुनिया में मेरे हमदम चले आएं हमारे हिस्से में सारे तुम्हारे गम चलें आएं चलो आपस में मिल कर के बना ले प्यार का संगम उधर से तुम चली आओ इधर से हम चले आएं Kavi Ankit prasoon (वार्ता) 11:34, 30 अक्टूबर 2020 (UTC)