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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 08:11, 24 मार्च 2019 (UTC)उत्तर दें

                                               -नारी- 

नारी कौन है ?- भविष्य, भूत, वर्तमान तथा दुनिया के आस्तित्व की वास्तविक रूप के वास्तविक्ता को बताने वाली ही नारी है। नारी माँ का दुलार है, बहन का स्नेह है, पत्नी का प्यार है ।

                                 "नारी दुनियाँ है, जगमान है," 
                                "खुद नारित्व  एक सम्मान है ।" 

भूत (बीता हुआ कल ) मे स्त्री - पूर्व समय मे जब जीव जगत का रहन-सहन प्रारम्भ हुआ तो उसे नारी ने ही संवारा, नारी ने ही संजोया, नारी ने ही बनाया तब नारी का सम्मान हुआ, नारी पूजी गयी तथा जहाँ नारी का सम्मान हुआ, नारी पूजी गयी वहा देवो का वास हुआ सुख, समृद्धी, आनंद का वास हुआ तथा समस्त जन सुखी व प्रसन्न रहे परन्तु, "रामायणकाल मे अपने पतिव्रत धर्म को निभाने वाली निष्कलंकित सीता को अग्निपरिक्षा देनी पडी़ तथा महाभारतकाल मे पाँचो पाण्डव, द्रोपदी को जुयें मे हार गये ।" नारी ने सबका हित चाहा परन्तु सदैव से उसका ही अहित होता आया है ।

वर्तमान मे स्त्री - पूर्व मे यदि स्त्री का सम्मान हुआ है तो सम्मान के साथ अपमान भी हुआ है, नारी समस्त कष्ट को सहती हुयी भी कभी कुछ न बोलती, समस्त जन के सम्मान की चिंता करते हुये अपने सम्मान को भूल जाती है, वह खुद को ही पहचान न पाती है व अपना सम्पूर्ण जीवन दूसरो को ही सम्मान, प्यार, दुलार स्नेह देकर ही बिता लेती है परन्तु, "अब नही बहुत हो चुका अपमान वर्तमान स्थिती मे नारी ने खुद को जाना है, खुद को पहचाना है । अब नारी अपने सम्मान, अपने हक के लिये लडना जान गयी है । वर्तमान मे नारी ने अपमान के इस एहसास को जाना है इस सबसे बडे दर्द को जाना है ।" किसी ने सही ही कहा है की -

       "नारी के अपमानन  से बढकर, कोई दर्द नहीं  हो सकता है,"
         "जो नारी का अपमान करे, वो मर्द  नहीं  हो सकता है ।"

हमे तो नारी का सम्मान करना चाहिए, आदर करना चाहिए क्योंकि नारी माँ है, बहन है, पत्नी है । नारी दुर्गा है, लक्ष्मी है, सरस्वती है, नारी झाँसी की रानी है, नारी ही भारत माँ प्यारी है । तथा हमे नारी के सम्मान के लिये प्रण करना चाहिए, यह आहवान करना चाहिए कि -

       "भूलो करना नारी अपमान, सदा हि उसका करो सम्मान ,"
      "उसकी मर्यादाओ को समझो, और उसका सम्मान करो ।"

अर्द्धनारिश्वर - "भगवान शिव" के 'अर्द्धनारिश्वर' अवतार ने समस्त जनसमाज को नारी के बराबर सम्मान व हक के बारे मे बताया है की जिस तरह से पुरुष का आदर, सम्मान होता है उसी तरह से स्त्री का भी आदर, सम्मान होना चाहिए ।

                                                                                                               08:28, 24 मार्च 2019 (UTC) [{सदस्य/Durga Prasad TripathiWLW}]