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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 17:13, 20 अक्टूबर 2017 (UTC)उत्तर दें

गाली संग्रह पृष्ठ को शीघ्र हटाने का नामांकन संपादित करें

 

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जैक्सन पोलक संपादित करें

जैक्सन पोलक

जैकसन पोलॉक  का  जन्म 1912 ईस्वी में हुआ था । जैकसन पोलॉक और एक्शन पेंटिंग का अर्थ कला इतिहास में लगभग एक रहा है। कैनवास को जमीन पर फैला रंगों को सीधे डब्बे से डाल देना एक अलग रचनात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करता है। पोलक ने ब्रश तो  सन 1947 में ही छोड़ दिया था, हालांकि  5 या 7 साल बाद उन्होंने फिर से ब्रश पकड़ा और अपनी अभीव्यक्तियों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने लगे । वे विशाल कैनवास पर चारों तरफ से हमला करने वाली कला पर विश्वास करते थे। पर पोलर की इस रचनात्मक हिंसा में भी एक तरफ की शांति थी, तकनीक में हिंसा थी पर कला के स्तर पर उनके चित्र बेहद महत्वपूर्ण थे। बहुत लोगों ने उनका अनुकरण करना चाहा पर सिर्फ तकनीक को सतही ढंग से अपना पाए। पोलक का कहना था कि मैं रेखांकन वगैरह से शुरुआत नहीं करता। मैं अपनी भावनाओं को इलस्ट्रेट नहीं करना चाहता, उन्हें अभिव्यक्त करना चाहता हूं । जब मैं पेंट करता हूं तो मैं चीजों को रोक भी सकता हूं कोई दुर्घटना नहीं होगी पर मेरे काम की ना कोई शुरुआत और ना ही कोई अंत है । इजल पेंटिंग में मेरा कोई विश्वास नहीं है। मुझे सख्त सतह पसंद है, फर्श पर मैं  खुद को अपने पेंटिंग के नजदीक महसूस करता हूं, उससे मैं पेंटिंग के भीतर घुस जाता हूं । रेड इंडियन कलाकार बालू पर इसी तरह से काम करते रहे हैं । आधुनिक कला के एक छोर पर मोंद्रियान का बेहद आकर्षक और साफ सुथरा संतुलित अमूर्तन है और दूसरे छोर पर पोलक का अराजक और हिंसक किस्म का अमूर्तन है। एक जमाने में पिकासो को हिंसक माना जाता था, एक कला इतिहासकार की राय सही है की पोलक ने पिकासो को विनम्र और सभ्य साबित कर दिया। Ramakant jee (वार्ता) 19:12, 19 अप्रैल 2020 (UTC)उत्तर दें