Shareeka mata anjole

शांडिरी नामक यह देवी मन्दिर छितरणा गांव में स्थित है। यह मन्दिर 350 वर्ष पुराना बताया जाता है। मूर्ति काले पत्थर पर बनाई गई है जिसमें माता को शेर पर सवार दिखाया गया है। साथ में एक कन्या भी दिखाई गई है। वहाँ के लोगो के कथन अनुसार यह देवी प्रतिमा प्राचीन समय में किसी गोपालक को मिली थी।

सर्वप्रथम पंडित बुधिराम (केसरी ब्राह्मण) इस मंदिर के पुजारी बने। उस दिन से केसरी ब्राह्मण परिवार ही मंदिर के पुजारी का कार्य करते आ रहे है।

प्राचीनकाल में यह मंदिर बहुत छोटा था, कई बार इस मंदिर का निर्माण होता रहा।

तीस वर्ष पूर्व पंडित हीरा राम (केसरी ब्राह्मण) ने लोगों से चंदा एकत्रित करके मंदिर का नव निर्माण किया।

इस मंदिर के निर्माण कार्य में श्री रघुनाथ शर्मा (अन्जोल,ज़िला किश्तवाड़) का कार्य सराहने योग्य रहा। श्री रघुनाथ शर्मा ने निस्वार्थ भाव से अपने जीवन की कमाई को मंदिर के नव निर्माण में लगा दिया ।

इस मंदिर में श्री रघुनाथ शर्मा द्वारा बनवाया गया सोने का कलश मंदिर की चौगुनी शोभा बढ़ा रहा है । मंदिर के बाहर एक पानी की टंकी है जो रघुनाथ शर्मा ने अपनी श्रद्धा से बनावाई है। इसी टेंकी के जल से श्रद्धालु भक्त हाथ मुह- धोकर मंदिर में प्रवेश करते हैं।

मंदिर ऊँचे स्थान पर होने के कारण प्रवेश के लिए तीन ओर से सीढ़ियां है, सामने तथा दायें-बाँयें। प्रवेश द्वार पर घंटा लटक रहा है। श्रद्धालु भक्त सिर पर कपड़ा रख कर घंटा बजाने के उपरान्त मंदिर में प्रवेश करते है। मंदिर का गर्भगृह छः फुट वर्गाकार है, दाँयी ओर खिड़की है, दिवारें आठ फुट ऊँची है, ऊपर लकड़ी का छत है। छत के ऊपर ढालवां टीन का छत है जो 18 फुट ऊँचा है। अन्दर फर्श से ऊपर ऊच्च सिहांसन पर माता की मूर्ति प्रतिष्ठापित है, दाँयी ओर त्रिशूल हैं मंदिर की भूमि अब केवल छः मरले मात्र रह गई है।श्रद्धालु आकर अपनी ओर से श्रद्धा सुमन अर्पण करते हैं।
 यहां वर्ष में एक बार मेला भी लगता है।जिसके लिए लोग दूर दूर से आते है लोगो के रहने के लिए धर्मशाला का निर्माण भी श्री रघुनाथ शर्मा द्वारा कराया गया है ।

यह मंदिर मनोकामना पूर्ति के लिए परसिद्ध है