सदस्य वार्ता:Taher64786/प्रक्षेप धारामापी

प्रक्षेप धारामापी संपादित करें

 
प्रक्षेप धारामापी का व्यासमापन

प्रक्षेप धारामापी एक बिजली की शक्ति नापने यंत्र नही बल्कि इससे होकर प्रवाहित आवेश की मात्रा मापने का यंत्र है। यह बहुत ही संवेदनशील ओर यथार्थ यंत्र है। इसे मीरर/आईना धारामापी भी कहा जाता है। प्रक्षेप धारामापी के भौतिक विज्ञान मे कई उपयोगिता है। यह धारामापी इसी चीज़ पर अधारित है की जब बिजली धातु की कुंडली से गुजरती है तो उसे चुंबकीय क्षेत्र मे बलाघूर्ण का अनुभव होता है।इस धारामापी मे एक धातु की कुंडली होती है जीसके घुमने से एक जड़त्व पैदा होता है। इस जड़त्व के होने की वजह से कुंडली के डोलने का समय बढ जाता है। प्रक्षेप धारामापी असल मे आवेश की मात्रा को मापता है। प्रक्षेप धारामापी के सनातन K को ढूँढ़ने के लिए वोल्टेज V ओर संधारित्र C को प्रक्षेप धारामापी से जोड्ते है जीस्से धारामापी मे विक्षेपण d आता है। यहा हमे वोल्टेज V ओर संधारित्र C की मुल्यता मालुम है।  

ओर आवेश को एसे प्रस्तुत कर सकते है,  

ग्रेस्सोट फ्लुक्समेटर संपादित करें

 
ग्रेस्सोट फ्लुक्समेटर एक तरह का प्रक्षेप धारामापी

ग्रेस्सोट फ्लुक्समेटर भी एक तरह का धारामापी है। यह एक दिलचस्प यंत्र है। ग्रेस्सोट फ्लुक्समेटर का सही उपयोग करने के लीए छुट्टी का समय अर्ध-दोलने के समय से कम होना चाहीए। यह शर्त कई बार एक साधारण प्रक्षेप धारामापी नही पुरा कर सकता। किंतु एक ग्रेस्सोट फ्लुक्समेटर यह शर्त पुरी कर सकता है। ग्रेस्सोट फ्लुक्समेटर मे कुंडली का भीतरी भाग बिना किसी बल के लटकती है। इसमे धातु की कुंडली एसे पदारर्थो से बनी है जो बिजली को आसानि से बहने नही देती। जब इस धारामापी को बिजली देते है तो धातु की कुंडली धारामापी के चुम्बक के चुंबकीय क्षेत्र मे घुमने लगती है, जिसके कारण उलटी दिशा मे विद्युत चुम्बकीय बल पैदा होता है। ओर बिजली के बेहने के समय की परवाह किए बिना बंद हो जाता है। कुंडली की अवस्थिति मे जो भी परिवर्तन आता है वह केवल आवेश के बदलाव पर निर्भर करता है। बिजली के बेहने की दिशा को बदल कर कुंडली अपनी प्रारंभिक स्थिति मे वापीस आ जाती है।

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