सदाशिव ब्रह्मेन्द्र एक सन्त, कर्नाटक संगीतकार, तथा अद्वैत दार्शनिक थे। उनका जीवन १८वीं शताब्दी में तमिलनाडु के कुम्भकोणम के निकट व्यतीत हुआ। उन्होने मुख्यतः संस्कृत में संगीतरचना की।

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