सद्दाम हुसैन की फाँसी
पूर्व इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को 30 दिसंबर 2006 को फाँसी दी गई थी।[1] दुजैल नरसंहार के लिए इराकी विशेष न्यायाधिकरण द्वारा मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी पाए जाने के बाद सद्दाम को फांसी की सजा सुनाई गई थी। 1982 में उनकी हत्या के प्रयास के प्रतिशोध में उन्होंने दुजेल शहर में 148 इराकी शियाओं की हत्या करवाई।[2]
Part of इराक युद्ध | |
सद्दाम हुसैन अपने मुक़दमे के दौरान, जुलाई 2004 | |
तिथि | 30 दिसम्बर 2006 |
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इराकी सरकार ने उनके फाँसी का एक आधिकारिक वीडियो जारी किया था। इसमें उन्हें फांसी के तख्ते पर ले जाते हुए दिखाया गया। फिर जल्लाद द्वारा उनके सिर पर फंदा डाले जाने के बाद वीडियो समाप्त हुई। अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक विवाद तब पैदा हुआ जब फांसी की एक मोबाइल फोन रिकॉर्डिंग में उन्हें अपने देशवासियों के एक दल से घिरा हुआ दिखाया गया। वह लोग अरबी में उनका मजाक उड़ा रहे थे और शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर की प्रशंसा कर रहे थे। उसके बाद उन्हें फांसी के फंदे से नीचे गिरा दिया गया।
इराकी अदालत द्वारा मौत की सज़ा सुनाए जाने के बाद सद्दाम ने फाँसी के बजाय फायरिंग दस्ते द्वारा मृत्युदंड दिए जाने का अनुरोध किया था। उसका यह कहना था कि क्योंकि वह इराकी सेना के कमांडर-इन-चीफ रह चुका था इसलिए उसे सैन्य अधिकारी जैसा मृत्युदंड दिया जाए।[3] इस अनुरोध को अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। सद्दाम के शव को 31 दिसंबर को तिकरित के पास उनके जन्मस्थान अल-अवजा में वापस लाया गया और परिवार के अन्य सदस्यों की कब्रों के पास दफनाया गया।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "फांसी पर लटकाकर माना अमेरिका... इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन कैसे बने US के दुश्मन?". TV9 भारतवर्ष. 30 दिसम्बर 2023. अभिगमन तिथि 16 जुलाई 2024.
- ↑ "सद्दाम हुसैन: फांसी के फंदे की तरफ़ बढ़ते क्या बोले इराक़ के पूर्व तानाशाह,आखिरी पलों की कहानी". बीबीसी हिन्दी. 31 दिसम्बर 2023. अभिगमन तिथि 16 जुलाई 2024.
- ↑ "जब सद्दाम ने एक अमेरिकी सैनिक को दे दी थी अपनी घड़ी...!". जनसत्ता. 5 अगस्त 2021. अभिगमन तिथि 16 जुलाई 2024.