सनल एडामारकू
सनल एडामारकू (जन्म: २६ मई १९६५) भारतीय तर्कवादी और लेखक हैं। वो रेशनलिस्ट इंटरनेशनल संस्था के संस्थापक अध्यक्ष और सम्पादक हैं।[1] उन्होंने वर्ष २०१२ में मुम्बई के एक कैथोलिक गिरजाघर में अचानक पानी निकलने के चमत्कार का पर्दाफास किया था जिसके बाद उसी सप्ताह मुम्बई पुलिस ने कैथोलिक समूहों की ओर से सनल के ख़िलाफ ईशनिंदा की तीन शिकायतें दर्ज की। इसके बाद से वो स्वनिर्वासित जीवन बिता रहे हैं।[2]
सनल एडामारकू | |
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जन्म |
26 मई 1955 तोडुपुज़ा, केरल, भारत |
शिक्षा की जगह | केरल विश्वविद्यालय |
प्रसिद्धि का कारण | भारतीय रेशनलिस्ट असोशिएशन के अध्यक्ष और रेशनलिस्ट इंटरनेशनल के संस्थापक-अध्यक्ष |
धर्म | कोई नहीं (नास्तिक) |
माता-पिता |
जोसफ एडामारकू सोले एडामारकू |
पूर्व जीवन
संपादित करेंएडामारकू का जन्म १९५५ में केरल राज्य के तोडुपुज़ा में हुआ। उनके पिता जोसफ एडामारकू एक भारतीय पत्रकार हैं और उनकी माँ सोले एडामारकू लेखिका हैं।[3] उनके माता पिता हिन्दू-ईसाई धर्म दोनों से मिश्रित होने के कारण एडामारकू का पालन पोषण विशिष्ट धार्मिक प्रभाव रहित रहा। उनके माता पिता की जिद के कारण वो भारत के प्रथम छात्र रहे जिनका विद्यालयी रिकॉर्ड में "धर्म रहित" लिखा गया।[4]
एडामारकू की आयु जब पन्द्रह वर्ष थी तब उनकी एक पड़ोसी एथलीट की मृत्यु हो गई क्योंकि उनका परिवार आस्था चिकित्सा में विश्वास करता था और उन्होंने चिकित्सा उपचार नहीं लिया, इस घटना के बाद वो तर्कवादी-नास्तिक कार्यकर्ता बन गये।[5]
२०१२ में ईशनिंदा मामला
संपादित करेंमार्च २०१२ में एडामारकू ने मुम्बई के ऑवर लेडी ऑफ़ वेलांकन्नी चर्च में एक रपट की जाँच की जिसके अनुसार ईसा मसीह के पैर के अंगूठे से अचानक पानी निकल रहा था। उन्होंने अपने अन्वेषण में पाया कि वहाँ पास ही में एक पाइप में रिसाव के कारण यह पानी आ रहा था।[6][7]
अप्रैल २०१२ में मुम्बई के कैथोलिक गिरजाघर ने मुम्बई के विभिन्न पुलिस थानों में भारतीय दण्ड संहिता की धारा २९५ए के तहत एडामारकू के खिलाफ शिकायत की।[8] धारा २९५ए वर्ष १९२७ में अधिनियमित हुई थी जिसके अनुसार किसी वर्ग की धार्मिक भावना आहत करने के इरादे से उसके धर्म और धार्मिक विश्वास का अपमान करना दण्डनीय अपराध माना गया है।[9][10]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "रेशनलिस्ट इंटरनेशनल". मूल से 2 फ़रवरी 2001 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 जून 2014.
- ↑ समनथी दिसानायके (४ जून २०१४). "भूत सा भटक रहा, बाबाओं को झुठलाने वाला". बीबीसी हिन्दी. मूल से 6 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ४ जून २०१४.
- ↑ रायन सैफर (१५ फ़रवरी २०१३). "Blasphemy, Free Speech, and Rationalism: An Interview with Sanal Edamaruku" [ईशनिंदा, मुक्त भाषण और तर्कवाद: सनल एडामारकू का एक साक्षात्कार] (अंग्रेज़ी में). द ह्युमनिस्ट. मूल से 6 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ६ जून २०१४.
- ↑ शिखा कुमार (७ अक्टूबर २०१२). "I thought Jesus was Cinderella's brother" (अंग्रेज़ी में). डेली न्यूज़ एण्ड एनालिसिस. मूल से 12 मई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ६ जून २०१४.
- ↑ वृशाली लाद (६ मई २०१२). "Batting for reason in a land of faith" [आस्था के धरातल पर कारण की जंग] (अंग्रेज़ी में). हिन्दुस्तान टाइम्स. मूल से 24 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ जून २०१४.
- ↑ मेरेदिथ बेन्नट स्मिथ (२८ नवम्बर २०१२). "Sanal Edamaruku, Indian Rationalist, Proves 'Weeping Christ' Miracle A Hoax, Now Faces Years In Jail" [भारतीय तर्कवादी सनल एडामारकू ने सिद्ध किया कि 'रोता हुआ मसीह' एक धोखा था, अब वर्षों जेल की सजा का सामना] (अंग्रेज़ी में). हफ्फींग्टन पोस्ट. मूल से 1 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ जून २०१४.
- ↑ प्रवीण स्वामि (७ मई २०१२). "India's god laws fail the test of reason" [भारतीय ईश्वरीय कानून कारण के परिक्षण में असफल] (अंग्रेज़ी में). द हिन्दू. अभिगमन तिथि ७ जून २०१४.
- ↑ एशले डीमेलो और विजय वी॰ सिंह (१६ अप्रैल २०१२). "FIR against rationalist, cops call him for questioning" [तर्कवादी के खिलाफ एफआईआर, पुलिस ने पुछताझ की] (अंग्रेज़ी में). टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. मूल से 21 फ़रवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ जून २०१४.
- ↑ "तोड़फोड़ के बाद सोशल साइट से हटाई गई महापुरुषों की आपतिजनक तस्वीरें". दैनिक भास्कर. २ जून २०१४. मूल से 5 जून 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ जून २०१४.
- ↑ रवीन्द्र शुक्ला. "सूचना प्रौद्योगिकी और समाचार–पत्र". राजकमल प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788183612333. मूल से 14 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ जून २०१४.