सफदरजंग का मकबरा
सफदरजंग का मकबरा दिल्ली की प्रसिद्ध एतिहासिक इमारतों में से एक है। यह मकबरा दक्षिण दिल्ली में श्री औरोबिंदो मार्ग पर लोधी मार्ग के पश्चिमी छोर के ठीक सामने स्थित है।
सफ़दरजंग का मकबरा | |
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सफदरजंग का मकबरा | |
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सामान्य जानकारी | |
स्थापत्य कला | मुगल वास्तुकला |
कस्बा या शहर | दिल्ली |
देश | भारत |
निर्देशांक | 28°35′21″N 77°12′30″E / 28.5893011°N 77.2083795°E |
पूर्ण | 1754 ई.में |
डिजाइन और निर्माण | |
ग्राहक | नवाब शुजा-उद-दौल्ला ने |
सफदरजंग का मकबरा अंतिम मुगल बादशाह मुहम्मद शाह (1719-1748) के शक्तिशाली व कुशल प्रधान मंत्री सफदरजंग की स्मृति में नवाब शुजा-उद-दौल्ला ने 1754 ई.में बनवाया था। यहां सफदरजंग और उनकी बेगम की कब्र बनी हुई है। इसे आज भी मुगल वास्तु कला का उत्कृष्ट नमूना माना जाता है। केन्द्रीय इमारत में एक बड़ा गुम्बद है जो सफ़ेद संगमरमर पत्थर से निर्मित है। शेष इमारत लाल बलुआ पत्थर से बनी है। इसका स्थापत्य हुमायूँ मकबरे के ढांचे पर ही आधारित है। मोती महल, जंगली महल और बादशाह पसंद नाम से पैवेलियन भी बने हुए हैं। चारों ओर पानी की चार झीलें हैं, जो चार इमारतों तक जाती हैं। पूर्व दिशा में मुख्य द्वार है, जो श्री औरोबिन्दो मार्ग पर स्थित है। अन्य इमारतों में लोगों के लिए रिहायशी सुविधाएं हैं। मुख्य इमारत में जुड़े हुए ही चार अष्टकोणीय मीनारें भी हैं।[1]
कलादीर्घा
संपादित करें-
स्मारक का एक कोण से
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सामने से
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मुख्य द्वार
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सममितीय दृश्य
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मीनारें पास से
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पानी में परछाईं
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द्वार की ऊँचाई
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झरोखे
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छत भीतर से
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स्मारक शीर्ष
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स्मारक अभिलेख
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अभिपार्शव नीचे से