समप्रिया पूजा निषाद
समप्रिया पूजा निषाद (Sampriya Pooja Nishad) एक लोक गायिका हैं,[2] जिन्होंने पंडवानी संगीत के क्षेत्र में योगदान दिया है[1] छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के खुर्सीपार गाँव में जन्मी समप्रिया ने बचपन से ही संगीत के प्रति अपना जुनून दिखाया। उनका प्रमुख लोक संगीत पंडवानी, महाभारत की कथा पर आधारित है, जिसे उन्होंने अपने अभिनय और गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया।
समप्रिया पूजा निषाद | |
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![]() भोपाल में पंडवानी गायन करते हुए समप्रिया (२०२५) | |
जन्म |
10 जनवरी 1986 खुर्सीपार गाँव, कबीरधाम जिला, छत्तीसगढ़, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
पेशा | पंडवानी लोक संगीत कलाकार |
जीवनसाथी | संतोष निषाद[1] |
माता-पिता | गौरी बाई, अमीराम चौरीया |
समप्रिया को भारत सरकार द्वारा “उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है। समप्रिया को यह पुरस्कार २२ नवंबर २०२४ को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में दिया गया। उन्होंने संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया।[3]
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संपादित करेंपूजा का जन्म १० जनवरी १९८६ को छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गाँव खुर्सीपार में हुआ था। उन्होंने सात वर्ष की आयु में संगीत सीखना प्रारम्भ किया और उन्हें अपनी पहली शिक्षिका, अपनी माँ गौरी बाई से प्रेरणा मिली उनके पिता का नाम श्री अमीराम चौरीया है। उन्होंने संतोष निषाद से भी प्रशिक्षण प्राप्त किया और अपने लोक संगीत ज्ञान में सुधार जारी रखा। समप्रिया ने अपनी स्कूली शिक्षा १२वीं कक्षा तक पूरी की और बाद में संगीत प्रशिक्षण में व्यस्त हो गईं।
संगीत का प्रशिक्षण
संपादित करेंसमप्रिया अब तक देश के २० राज्यों के साथ-साथ इंग्लैंड, फ्रांस, और जापान जैसे देशों में ५०० से अधिक प्रस्तुतियाँ दे चुकीं हैं। पद्मश्री पुनाराम निषाद पंडवानी गायन में एक बड़ा नाम थे। संप्रिय पूजा निषाद के बड़े ससुर थे। जामुल निवासी संप्रिया वर्ष २००९ से ही मंचीय कार्यक्रमों में उनके साथ जाने लगे थे। इसके चलते उनका रुझान पंडवानी गायन की ओर हो गया। सम्प्रिया ने अपनी संगीत शैली का ज्ञान कई प्रसिद्ध गुरुओं से प्राप्त किया। उनके मार्गदर्शकों में प्रमुख रूप से सम्मिलित हैं:
गुरुओं की शिक्षाओं से समप्रिया अपने लोक संगीत को विशेष पहचान दिलाने में सफल रहे। समप्रिया पूजा निषाद को आकाशवाणी और दूरदर्शन पर कई बार प्रस्तुति देने का अवसर मिला है। उन्होंने अपने पंडवानी संगीत के माध्यम से भारत के विभिन्न हिस्सों में लोगों को मंत्रमुग्ध किया। उनका लोक संगीत मनोरंजन और सामाजिक शिक्षा का एक आदर्श संयोजन है, जो लोगों को संस्कृति और परंपरा की गहराई को समझने का अवसर देता है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसमप्रिया पूजा निषाद से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
संदर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Bharat, ETV (18 November 2024). "अंतरराष्ट्रीय पंडवानी गायिका समप्रिया को नेशनल अवार्ड, नई दिल्ली में किया जाएगा सम्मान". ETV Bharat News. अभिगमन तिथि: 6 April 2025. सन्दर्भ त्रुटि:
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अमान्य टैग है; "f238" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ "वृंदावन में पंडवानी कथा गायन का हुआ आयोजन: गायन पर जमकर झूमे श्रोता, पूजा निषाद एवं साथियों ने दी मनोहारी प्रस्तुति, बड़ी संख्या में पहुंचे लोग". Dainik Bhaskar. 19 November 2022. अभिगमन तिथि: 4 April 2025.
- ↑ Kumar, Deepak (29 February 2024). "CG News: लोक गायिका पूनम तिवारी और पंडवानी गायिका समप्रिया पूजा निषाद को मिलेगा अकादमी पुरस्कार, सीएम साय ने दी बधाई". Nai Dunia. अभिगमन तिथि: 4 April 2025.