समरूप रचना एक प्रकार की सुलेखन कला (कैलिगाग्राफिक आर्ट) है जिसका सृजन डॉ सैयद मोहम्मद अनवर ने किया है। इसमें देवनागरी और नस्तालीक दोनों लिपियों का एकसाथ प्रयोग करके उस शब्द का चित्र भी बना दिया जाता है और दोनों लिपियों में वह शब्द भी लिख जाता है। इसके माध्यम से डॉ सैयद का उद्देश्य दक्षिण एशिया में शांति और सहयोग को बढ़ावा देना है।

समरूप रचना में सुराही शब्द और उसका चित्र

'समरूप रचना' का शाब्दिक अर्थ 'समान रूप (आकार) वाली रचना' ।