सय्यद अली शाह तिरमिज़ी(पीर बाबा)
सैयद अली गौस शाह तिर्मिज़ी जिन्हें पीर बाबा के नाम से जाना जाता है, पाकिस्तान के बुनेर क्षेत्र से 16 वीं शताब्दी के सूफी संत थे। इतिहास के अनुसअर पीर बाबा मुग़ल सम्राट हुमायूं के दौर के है । भक्तों ने पीर बाबा के सम्मान में बुनेर में पीर बाबा के सूफी मकबरे का निर्माण किया है। पीर बाबा दरगाह के वर्तमान कार्यवाहक पीर बाबा सैयद हुसैन शाह हैं। वह पैगंबर की 32 वीं या 33 वीं पीढ़ी थी।[1]
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संपादित करेंपीर बाबा का जन्म 908 AH में फेरगना, उज्बेकिस्तान में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने दादा सैयद अहमद नूर से प्राप्त की। सैयद अली तिर्मिज़ी ने शेख सिलोन कीथ और तसव्वुफ़ के मार्गदर्शन में शेख सालार रूमी के मार्गदर्शन में मदहब का अध्ययन किया। इस कारण उन्हें रोमन शेख सालार सूफी आदेश के खलीफा के रूप में चुना गया। सय्यद मोहम्मद इब्राहिम शाह, जिन्हें हेसर बाबा के नाम से जाना जाता है, उनके छात्र और उत्तराधिकारी थे। उन्हें चिश्ती, सुहरावर्दी, शट्टारी और हल्लाजी और कबरुआ सूफी आदेश से अनुमति मिली।
उर्स महोत्सव
संपादित करेंपीर बाबा की दरगाह बुनेर क्षेत्र की सबसे पुरानी म दर्गाह है। पीर बाबा की दर्गाह में विभिन्न सूफी प्रथाओं, लंगर (मुफ्त भोजन का वितरण) के साथ दो दिवसीय वार्षिक उत्सव होता है ।[2]
देवबंदी मिलिटेंसी द्वारा हमला
संपादित करेंदेवबंदी उग्रवाद ने 9 दिसंबर 2008 में मंदिर पर हमला किया था जिसके कारण दर्गाह को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। उन्होंने पीर बाबा से संबंधित विभिन्न लेखन को जलाने के साथ 'या रसूल अल्लाह और ता अली' के उद्धरणों को नष्ट कर दिया था। कुछ ही दिनों में देवबंदी मिलिटेंसी के राज के समाप्त होने के बाद सन् 2009 में दर्गाह अपने रीति रिवजों के साथ खोली गया।[3]
संदर्भ
संपादित करें- ↑ Qadri, Shattari. "Pir Baba". www.qadrishattari.xyz. अभिगमन तिथि 2020-09-22.
- ↑ Correspondent, The Newspaper's (2017-04-24). "Pir Baba Urs concludes". DAWN.COM (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2020-09-22.
- ↑ Syed, Jawad; Pio, Edwina; Kamran, Tahir; Zaidi, Abbas (2016-11-09). Faith-Based Violence and Deobandi Militancy in Pakistan (अंग्रेज़ी में). Springer. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-349-94966-3.