सरदार भागोजी भील या भगोजी नाईक का जन्म नांदुर शिंगोट में हुआ था नाईक उनकी उपाधि थी वे प्रारंभ में अहमदनगर पुलिस में अधिकारी थे पर 1855 के दंगो के दौरान पुलिस कार्यवाही रोकने के कारण उंपर मुकदमा चला और उन्हें जेल हुई । जेल की सजा पूरी होने के बाद उन्होंने अपना हाव छोड़ दिया और फिर उन्होंने अपनी बिरादरी के 50 भीलों की गैंग बनाई । 4 अक्टुबर 1857 के दिन भीलों और अंग्रेज़ो के मध्य भयानक युद्ध हुआ जिसमे भीलों ने ब्रिटिश सेना को ब्यूरो तरीके से खदेड़ दिया ।

बाद में भागोजि ने 7000 भीलों को एकजुट कर विद्रोह का बिगुल फूंक दिया [1][2][3]

  1. "इतिहास भागोजी नाईकांच्या शौर्याला विसरला मात्र लढाईच्या सांगवीने हा क्रांतीचा ठेवा जपलाय" (अंग्रेज़ी में). 2020-11-11. अभिगमन तिथि 2023-09-21.
  2. Verma, R. C. (1990). INDIAN TRIBES THROUGH THE AGES (अंग्रेज़ी में). Publications Division, Ministry of Information and Broadcasting, Government of India. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-230-2198-0.
  3. Congress, All-India Trade Union (1973). AITUC--fifty Years: Documents (अंग्रेज़ी में). AITUC.