सरल भाषा
सरल भाषा या सीधी भाषा से आशय ऐसी भाषा से है जिसे श्रोता या पाठक शीघ्रता से, आसानी से और पूरी तरह से समझ सके। [1] ऐसी सरल भाषा को पढ़ने, समझने और उपयोग करने में आसान बनाने का प्रयास किया जाता है। [2] सरल भाषा में शब्दों के आडंबर, शब्दजाल और टेढ़े-मेढ़े वाक्य नहीं होते। कई देशों में कानून बनाकर यह अनिवार्य किया गया है कि सार्वजनिक एजेंसियां सरल भाषा का ही प्रयोग करेंगी ताकि कार्यक्रमों और सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने में मदद मिले।
परिभाषा
संपादित करेंसाक्षरता एवं संचार के अधिकांश विद्वान इस बात पर सहमत हैं कि सरल भाषा का अर्थ है-
- "स्पष्ट और प्रभावी संचार" ( जोसेफ किम्बल )
- "भाषा का ऐसा मुहावरेदार और व्याकरण-संगत उपयोग जो पाठक के समक्ष विचारों को सबसे प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करता है" ( ब्रायन गार्नर )
- "स्पष्ट, सीधी अभिव्यक्ति, केवल उतने ही शब्दों का प्रयोग करना जितना आवश्यक हो। सरल भाषा ऐसी भाषा है जो अस्पष्टता, भारी-भरकम शब्दावली और जटिल वाक्य-निर्माण से बचती है। यह बच्चों की भाषा नहीं है, न ही यह भाषा का सरलीकृत संस्करण है।" (डॉ रॉबर्ट ईगलसन )
- "ऐसी साहित्यिक शैली जो पढ़ने में आसान है क्योंकि यह पाठकों के पढ़ने के कौशल से मेल खाती है" ( विलियम ड्यूबे )
- "ऐसी भाषा जो स्पष्ट, संक्षिप्त और शुद्ध हो" ( रिचर्ड वाइडिक )
इन्हें भी देखें
संपादित करें- सरल अंग्रेज़ी
- बेसिक इंग्लिश
- सरल भाषा अधिनियम 2022 (न्यूजीलैण्ड)
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Robert Leon Cooper (1989). Language Planning and Social Change. Cambridge University Press. पृ॰ 60. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-521-33641-3.
Plain Language Movement.
- ↑ Garner, Bryan A. (2009). Garner on Language and Writing: Selected Essays and Speeches of Bryan A. Garner. Chicago: American Bar Association. पृ॰ 295. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-60442-445-4.