सरस्वती लिपि

सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बन्धित छोटे-छोटे संकेतों के समूह को सिन्धु लिपि कहते हैं

सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बन्धित छोटे-छोटे संकेतों के समूह को सिन्धु लिपि (Indus script) कहते हैं। इसे सैंधवी लिपि और हड़प्पा लिपि भी कहते हैं।[4] यह लिपि सिन्धु सभ्यता के समय (२६वीं शताब्दी ईसापूर्व से २०वीं शताब्दी ईसापूर्व तक) परिपक्व रूप धारण कर चुकी थी। इसको अभी तक समझा नहीं जा पाया है (यद्यपि बहुत से दावे किये जाते रहे हैं।) उससे सम्बन्धित भाषा अज्ञात है इसलिये इस लिपि को समझने में विशेष कठिनाई आ रही है। हड़प्पा लिपि (सिन्धु लिपि) का सर्वाधिक पुराना नमूना १८५३ ई. में मिला था

सिन्धु लिपि

Seal impression showing a typical inscription of five characters
प्रकार अपरिभाषित संभव कांस्य युग लेखन
भाषाएँ अज्ञात (हड़प्पा भाषा देखें)
समय अवधि ३५००–१९०० BCE[1][2][3]
Unicorn seal of Indus Valley, Indian Museum
Collection of seals

भारत में लेखन ३३०० ईपू का है। सबसे पहले की लिपि सिन्धु लिपि (इंडस स्क्रिप्ट) थी, उसके पश्चात ब्राह्मी लिपि आई।

सिन्धु घाटी से प्राप्त मुहरें

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. David Whitehouse (May 4, 1999). "'Earliest writing' found". BBC News. मूल से 3 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 September 2014.
  2. "Evidence for Indus script dated to ca. 3500 BCE". मूल से 3 सितंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 September 2014.
  3. Edwin Bryant (2001). The Quest for the Origins of Vedic Culture: The Indo-Aryan Migration Debate. Oxford University. पृ॰ 178.
  4. "क्या हड़प्पा की लिपियाँ पढ़ी जा सकती हैं?". मूल से 24 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 अप्रैल 2020.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें