सलीमुल्लाह ख़ान

बंग्लादेशी लेखक

सलीमुल्लाह ख़ान (बांग्ला: সলিমুল্লাহ খান; जन्म: १८ अगस्त १९५८) एक बांग्लादेशी लेखक, अध्यापक, समालोचक एवं बुद्धिजीवी हैं। उनको बांग्लादेश के अन्यतम आदरणीय और प्रसिद्ध बुद्धिजीवी माना जाता है।[1][2][3][4] ख़ान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति एवं संस्कृति को मार्क्सवादी और लाकानीय सिद्धांतों के अनुसार अन्वेषण करते हैं। वे अहमद सफ़ा के चिंता से अवगत और प्रभावित हैं। बांग्लादेश के युवा प्रजंम के लेखक और चिंतकों में उनके कई अनुगामी हैं। ख़ान ने अफ़्लातून, जैम्स रेनेल, शार्ल बोदलैर, फ़्रान्ज़ फ़ानों, डॉरोथी ज़ुल्ले प्रमुख के काम बांग्ला में अनुवाद किए।[5][6][7][8][9] वे बांग्लादेश के विभिन्न टेलीवीज़न चैनलों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति विषयक टॉक शोज़ में नियमित अतिथि बक्ता के तौर पे उपस्थित होते हैं।

सलीमुल्लाह ख़ान
स्थानीय नामসলিমুল্লাহ খান
जन्म18 अगस्त 1958 (1958-08-18) (आयु 66)
महेशखाली, कौक्स बाज़ार, पूर्वी पाकिस्तान, पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश)
पेशाअध्यापक, प्राबंधिक, लेखक, गवेषक, बुद्धिजीवी।
भाषाबांग्ला
राष्ट्रीयताबांग्लादेशी
नागरिकताबांग्लादेश
उच्च शिक्षाढाका विश्वविद्यालय
द न्यू स्कूल

लेखन करियर

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राजनैतिक मत

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शिक्षा की माध्यम के रूप में बांग्ला भाषा पर मत

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विवाद और समालोचना

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ग्रंथसूची

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  • बांग्लादेश: जातीय अवस्थार चालचित्र ‌(१९८३)
  • सत्य सद्दाम हुसैन ओ ‘‌स्राजेरदौला’ (२००७)
  • आमि तुमि से (२००८)
  • Silence: On Crimes of Power (२००९)
  • आदमबोमा (२००९)
  • अहमद सफ़ा संजीवनी (२०१०)
  • स्वाधीनता व्यावसाय (२०११)
  • फ़्रॉयड पड़ार भूमिका (२००५)
  • बेहाथ विप्लव १९७१ (२००७)
  • एक आकाशेर स्वप्न (१९८१)
  • अल्लाहर बादशाही (Dorothee Sölle की निर्वाचित कविताएँ, १९९८)
  • Collected Works of Plato , V. 1 (२००५) (सह-अनुवादक)
  1. Yusuf, Ananta (24 January 2014). "The Origins of Communalism". The Daily Star (अंग्रेज़ी में). Dhaka: Transcom Group. मूल से 4 April 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 April 2018. Salimullah Khan ... is one of the most respected academics and essayists of the country.
  2. "'Many streams of education are allowed, so why not Dawra?'". Dhaka Tribune (अंग्रेज़ी में). 22 April 2017. मूल से 17 April 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 April 2018.
  3. "Salimullah Khan". NTV Online (Bengali में). मूल से 17 April 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 April 2018.
  4. Mahtab, Moyukh (27 April 2017). "Will this lead to integration?". The Daily Star (अंग्रेज़ी में). Dhaka: Transcom Group. मूल से 4 April 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 April 2018.
  5. Salimullah Khan. "জেমস রেনেল ও তাঁহার রোজনামচা ১৭৬৪-৬৭". bdnews24.com. मूल से 29 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 February 2012.
  6. "গ্রীষ্মের কবিতা উৎসব". Prothom Alo. 29 May 2015. अभिगमन तिथि 18 November 2016.[मृत कड़ियाँ]
  7. Salimullah Khan. "সাম্রাজ্যবাদের যুগে দুই বিশ্বের কবিতা". bdnews24.com. मूल से 29 जनवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 February 2012.
  8. মুস্তাফা সায়ীদ (16 March 1999), 'বাংলা সাহিত্যে নতুন মেহমানঃ ডরোথি জুল্লে', শৈলী, বর্ষ ৫, সংখ্যা ৩, পৃষ্ঠা ৪৭-৫০
  9. আলম খোরশেদ. "'আল্লাহর বাদশাহিঃ একটি চন্ডাল পুথি'". পরবাস, তৃতীয় বর্ষ, দ্বিতীয় সংখ্যা, শরত, ১৪০৬. मूल से 5 अप्रैल 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अगस्त 2018.