सल्फी
सल्फी (वानस्पतिक नाम:Caryota urens / केरियोटा यूरेन्स) ताड़ कुल का एक पुष्पधारी वृक्ष है। यह भारतीय उपमहाद्वीप तथा दक्षिण-पूर्व एशिया का देशज है। इसको संस्कृत में 'मोहकारी' कहते हैं। सूखने के बाद इसकी पत्ती को मछली पकडने के डण्डे के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसे 'बस्तर बीयर' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इससे एक मादक रस (बीयर) बनायी जाती है।
मादक रस देने वाले इस वृक्ष को गोंडी बोली में 'गोरगा' कहा जाता है तो बस्तर के ही बास्तानार इलाके में ये 'आकाश पानी' के नाम से जाना जाता है। एक दिन में करीब बीस लीटर तक मादक रस देने वाले इस पेड़ की बस्तर की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान है। एक पेड़ से साल में छह से सात माह तक मादक रस निकलता है।
परिचय
संपादित करेंसल्फी का पेड़ बस्तर के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि जब बेटियों की शादी आम बस्तरियों से की जाती है तो दहेज में सल्फी का पेड़ दिया जाता है। वहीं जिसकी बेटी नहीं होती है उसके बाद उस व्यक्ति के भांजे को वह सल्फी का झाड़ देने की भी बस्तर के कुछ क्षेत्रों में उत्तराधिकार की परंपरा है।
आदिवासी अपने आंगन या खेतों की मेड़ पर पेड़ लगाते हैं। सल्फी का पेड़ 40 फीट तक ऊंचा हो सकता है और 9 से 10 साल के बाद सल्फी (रस) देने शुरू करता है। इसका ताजा रस स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है तो बासी होने पर खमीर उठना शुरू हो जाता है और इसके सेवन से नशा देने का काम करता है। सुबह और शाम, दो बार सल्फी का रस निकाला जाता है।[1]
ठंड का मौसम आते ही बस्तर की प्रसिद्ध देशी बीयर सल्फी का मौसम भी आ जाता है। इसके शौकीन इसके सेवन के लिए गांव गांव पहुंचने लगते हैं। स्थानीय भाषा में इसे 'सुर' कहा जाता है। इसके रस को हिलाने से बीयर की तरह झाग निकलता है साथ ही इसके सेवन से नशा भी होता है। इसी कारण से इसे बस्तर बीयर भी कहा जाता है। ठंड का मौसम आते ही सल्फी पेड़ से रस निकलना शुरू होता है जो 4 से 5 माह तक निकलता रहता है। एक वृक्ष से दिन भर में लगभग 50 लीटर तक सुर निकल जाता है। क्षेत्र के आदिवासी गांवों में ही सल्फी के वृक्ष हैं जहां से सल्फी का रस निकाला जाता है। शहरों से भी बड़ी संख्या में लोग इसका सेवन करने पहुंचते हैं। मांग अधिक होने के चलते सल्फी रस काफी महंगा बिकने लगा है।
रोग
संपादित करेंसल्फी का पेड़ ऑक्सीफोरम फिजिरियम नामक फंगस के कारण सूखने लगते हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "यहां लड़कियों को दहेज में दी जाती है 'देसी बीयर'". मूल से 7 जुलाई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जुलाई 2015.