सवैया
छन्द
सवैया कविता का एक छन्द है जो किसी की प्रशंसा में लिखा जाता है। इस छन्द में प्रत्येक छंद सामान्य छंद की लंबाई का एक चौथाई गुना होता है। [1] सवैया का बहुवचन सवैये (पंजाबी: ਸ੍ਵਯੇ (गुरुमुखी) ) है। कुछ प्रसिद्ध सवैये ये हैं - तव-प्रसाद सवैये, 33 सवैये, भट्टां दे सवैये ।
इन्हें भी देखें
संपादित करें- ३३ सवैये
संदर्भ
संपादित करें- ↑ Narang, Sampuran Singh (2003). The Evening Prayers Rahras Sahib and Kirtan Sohila. Hemkunt Press. पृ॰ 152.