साँचा:आज का आलेख ११ दिसंबर २०१०
स्लो फूड एक है जिसकी स्थापना कार्लो पेट्रिनी ने १९८६ में की थी। अधिकांश लोगों के अनुसार स्लो फूड की स्थापना फास्ट फूड के विरोध में हुई, लेकिन वास्तव में इस संगठन का उद्देश्य काफी व्यापक रहा है। फिर भी मूलतः स्लो फूड के सदस्य सिद्धांत रूप में फास्ट फूड के विरुद्ध हैं। स्लो फूड मूलत: तेज औद्योगिकीकरण के कारण मशीनी होते जा रहे मानव जीवन के विरोध में है क्योंकि इसके कारण खानपान की पुरानी अनूठी परंपराओं और खाद्य पदार्थों की कई किस्मों का इस के कारण विलोप होता जा रहा है।[1] स्लो फूड का आरंभ ऐसे खाद्य पदार्थो के उत्पादन से जुड़ा रहा है, जो न केवल अच्छे, स्वच्छ और उचित हों बल्कि बेहतरीन स्वाद वाले और स्वास्थ्यवर्धक भी हों। इतना ही नहीं, उपज के दौरान कार्य स्थिति भी अच्छी रही हो। जैव विविधता का भी इसमें महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है जिसने स्वाद निधि संजोने के इस काम को खाद्य पदार्थो की तमाम अनूठी किस्मों के संरक्षण के प्रयास में बदल दिया है। विस्तार में...