साँचा:आज का आलेख १४ जून २००९
आचार्य रामचंद्र शुक्ल (४ अक्तूबर, १८८२-१९४२) बीसवीं शताब्दी के हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। उनका जन्म बस्ती, उत्तर प्रदेश मे हुआ था। शुक्ल जी हिंदी साहित्य के कीर्ति स्तंभ हैं। हिंदी में वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात उन्हीं के द्वारा हुआ। वे श्रेष्ठ और मौलिक निबंधकार भी थे। उन्होंने जिस रूप में भावों और मनोविकारों को व्यक्त किया वे सर्वथा अभिनव और अनूठे हैं। इनकी कृतियां मौलिक, संपादित तथा अनूदित सभी थीं। इनकी श्रेष्ठ कृतियों में से कुछ हैं: हिंदी साहित्य का इतिहास चिंतामणि हिंदी शब्द सागर, नागरी प्रचारिणी पत्रिका, चिंतामणि, मित्रता, तथा भ्रमर गीत सार। उन्होंने अंग्रेज़ी से विश्व-प्रबंध, आदर्श जीवन, मेगस्थनीज का भारतवर्षीय वर्णन, कल्पना का आनंद आदि रचनाओं का अनुवाद किया। १९४० में हृदय की गति रुक जाने से शुक्ल जी का देहांत हो गया। विस्तार में...