साँचा:आज का आलेख १५ फरवरी २००९
शनि सौर्यमंडल का एक सदस्य ग्रह है। यह सूरज से छटे स्थान पर है और सौर्यमंडल में बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह हैं। इसके कक्षीय परिभ्रमण का पथ १४,२९,४०,००० किलोमीटर है। शनि के ६० उपग्रह् हैं। जिसमें टाइटन सबसे बड़ा है। टाइटन बृहस्पति के उपग्रह गिनिमेड के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह् है। शनि ग्रह की खोज प्राचीन काल में ही हो गई थी। गैलिलियो ने सन् १६१० में दूरबीन से इस ग्रह का आविष्कार किया। शनि ग्रह की रचना ७५% हाइड्रोजन और २५% हीलियम से हुई है। पानी, मीथेन, अमोनिया और पत्थर बहुत कम मात्रा में यहाँ पाए जाते हैं। शनि ग्रह के चारों ओर भी कई छल्ले हैं। यह छल्ले बहुत ही पतले होते हैं। हालांकि यह छल्ले चौड़ाई में २५०,००० किलोमीटर है लेकिन यह मोटाई में एक किलोमीटर से भी कम हैं। इन छल्लों के कण मुख्यत: बर्फ और बर्फ से ढ़के पथरीले पदार्थों से बने हैं। विस्तार से पढ़ें...