साँचा:आज का आलेख २० फ़रवरी २०१०
(साँचा:आज का आलेख २० फरवरी २०१० से अनुप्रेषित)
प्लाज्मा टीवी एक प्रकार का हाईडेफिनेशन टीवी (एचडीटीवी) होता है, जो कि प्रायः प्रचलित कैथोड किरण दूरदर्शी का विकल्प हैं। प्लाज्मा एक वैज्ञानिक शब्द है, जिसको कि निऑन और ज़ेनॉन आदि अक्रिय (इनर्ट) गैसों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। द्रव्य, गैस और ठोस के अलावा प्लाज्मा को पदार्थ की चतुर्थ अवस्था के रूप में प्रयोग किया जाता है। टेलीविजन में हजारों की संख्या में छोटे-छोटे घटक होते हैं, जिन्हें पिक्सल कहते हैं। रंगीन टेलीविजनों में तीन वर्ण मिलकर एक पिक्सल का निर्माण करते हैं। इनमें सामान्यत: प्रकाश के तीन प्राथमिक रंग लाल, हरा और नीला का प्रयोग किया जाता है। वहीं प्लाज्मा टीवी में प्रत्येक पिक्सल अक्रिय गैस जैसे कि निऑन और जीनॉन के छोटे-छोटे पात्रों से मिलकर बना होता है।प्लाज्मा टीवी में अनुमानित हजारों की संख्या में ऐसे छोटे-छोटे टय़ूब उपस्थित होते हैं। प्रत्येक पिक्सल को दो वैद्युत आवेशित प्लेटों के बीच में रखा जाता है। विद्युत धारा का प्रवाह करने पर प्लाज्मा चमकता है। विस्तार में...