साँचा:आज का आलेख ७ जनवरी २०१०

हुमायूँ का मकबरा
हुमायूँ का मकबरा
हुमायूँ का मकबरा एक इमारतों का समूह है, जो कि मुगल वास्तुकला से प्रेरित है। यह नई दिल्ली के दीनापनाह यानि पुराना किला के निकट निज़ामुद्दीन पूर्व क्षेत्र में मथुरा रोड के पास स्थित है। गुलाम वंश के समय में यह भूमि किलोकरी किले में स्थित थी, जो कि नसीरुद्दीन (१२६८-१२८७) के पुत्र तत्कालीन सुल्तान केकूबाद की राजधानी हुआ करती थी। यहाँ मुगल बादशाह हुमायूँ सहित कई अन्य के भी कब्रें हैं। यह समूह विश्व धरोहर घोषित है, एवं भारत में मुगल वास्तुकला का प्रथम उदाहरण है। इस मक़बरे की शैली वही है, जिसने ताजमहल को जन्म दिया। यह शैली चारबाग शैली थी। यह मकबरा हुमायुं की विधवा हमीदा बानो बेगम के आदेशानुसार १५६२ में बना था। इस भवन का वास्तुकार सैयद मुबारक इब्न मिराक घियाथुद्दीन एवं उसके पिता मिराक घुइयाथुद्दीन थे जिन्हें अफगानिस्तान के हेरात शहर से बुलवाया गया था। यह इमारत लगभग आठ वर्षों में बनकर तैयार हुई और भारतीय उपमहाद्वीप में चारबाग शैली का प्रथम उदाहरण थी।