साँचा:आज का आलेख ८ नवंबर २०१०
डिजिटल स्याही (अंग्रेज़ी:डिजिटल इंक) आधुनिक प्रौद्योगिकी की एक देन है और तकनीक का एक ऐसा रूप है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कंप्यूटर के मॉनीटर पर हस्तलेखन या आरेखन किया जा सकता है। इसमें डिजिटल फलक (डिजिटल पेपर) पर एक डिजिटल कलम (जिसे स्टाइलस कहते हैं) से लिखा जाता है। इस तकनीक से कंप्यूटर पर सीधे हाथ से लिखा जा सकता है, अपनी लिखाई को बेहतर कर सकते हैं; और साथ ही टंकण का अभ्यास होना आवश्यक नहीं रह जाता है।[1] यह नई तकनीक हालांकि अनेक लोगों के अपठनीय लेखन (जिसे आम भाषा में घसीट लेखन भी कहते हैं) को भी डिजिटल विश्व की मुख्यधारा में ले आएगी किन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि कंप्यूटरों के कीबोर्ड की उपयोगिता ही समाप्त हो जाएगी।[2] प्रायः डिजिटल इंक और इलेक्ट्रॉनिक इंक या ई-इंक को एक ही समझा जाता है, लेकिन वास्तव में इसमें अंतर होता है। ई-इंक एक विशेष तरह का इलेक्ट्रॉनिक पेपर है जिस पर डिजिटल पेन के द्वारा लिखा जाता है, जबकि डिजिटल इंक अपेक्षाकृत सरल और व्यापक शब्द है। यह कंप्यूटर के मॉनीटर पर हैंडराइटिंग, पाठ और आरेखन करने तथा उसमें विभिन्न प्रयोगों के लिए प्रयोग होता है। डिजिटल इंक का आरंभ १९९० में क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर हस्ताक्षर की आवश्यकता से हुआ था। बाद में कंप्यूटर, मोबाइल फोन और ई-रीडर पर जानकारी डालने (डाटा एंट्री फीड करने) के लिए इसका प्रयोग किया जाने लगा। विस्तार में...