सांवलिया मेव नुंह जिले के सहसोला गांव का रहने वाला बहादुर मेव सरदार था। उसके पास दस हजार घुड़सवारों की बहादुर सेना थी। मुगल बादशाह औरंगजेब का कट्टर विरोधी था। दारा शिकोह के नजदीकी रहे फिरोज खान मेवाती भी औरंगजेब के खिलाफ था, फिरोज मेवाती भी औरंगजैब विरोधी मुहिम मे सांवलिया मेव के साथ था। औरंगजेब ने बादशाहपुर के ढाना गांव के हाथी सिंह को लालच दिया की अगर वो सांवलिया मेव का सर कलम करके लायेगा तो उसे घासेडा रियासत के 12 गांव इनाम मे दिये जायेंगे। हाथी सिंह ने धोखे से सांवलिया मे मेव की हत्या करदी औरंगजैब ने खुश होकर सांवलिया मेव की हत्या के ऐवज में घासेड़ा की जागीर हाथी सिंह को इनाम में दी दी ।[[1]]

इतिहास संपादित करें

संद्रभ संपादित करें

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