साँई मियाँ मीर जी जिनको हज़रत मियाँ मीर जी भी कहा जाता था। वह 1550 में सिंध प्रांत के गांव सेवास्तान में जन्में थे। उनके पिता का नाम काजी फारूखी और माता का नाम फातिमां था। वें कादरी घराने से तालुक रखते थे। उनके द्वारा स्वर्ण मन्दिर साहिब की नींव रखी गयी.वे सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी के खास मित्र थे, उनके द्वारा दिसम्बर 1588 में स्वर्ण मंदिर व गुरुद्वारे की नींव रखी गयी.[1] [2][3]

  1. "Mian Mir", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2020-09-10, अभिगमन तिथि 2020-12-05
  2. Historical Dictionary of Sikhism by Louis E. Fenech, W. H. McLeod, p. 205, ISBN 9781442236011
  3. State Formation and the Establishment of Non-Muslim Hegemony: Post-Mughal 19th-century Punjab, by Rishi Singh, 2015 ISBN 9789351505044 . It is, however, possible that Mian Mir, who had close links to Guru Arjan, was invited and present at the time of the laying of the foundation stone, even if he did not lay the foundation stone himself.