साक्षी-नाट्य-शिरोमणि

सत्रहवीं सदी के मध्य में शिवानन्द गोस्वामी को उनकी विद्वत्ता और देवी त्रिपुर सुन्दरी के प्रति उनके अनन्य उपास्य भाव के सम्मानस्वरूप काशी के पंडितों द्वारा शास्त्रार्थ में पराजित होने के पश्चात् उन्हें दी गयी सम्मानसूचक उपाधि है। [1]