सागरमल गोपा
सागरमल गोपा (1900 - 1946) भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं देशभक्त थे। वे राजस्थान के निवासी थे। इनके पिता का नाम अखेराज गोपा था, इनके पिता जवाहर सिंह के दरबारी थे.
इनका जन्म जैसलमेर में हुआ था । इनका जन्म 3 नवंबर 1900 को हुआ था ।
इन्होंने अपने क्रांतिकारी भाषणों और लेखों से जैसलमेर महाराजा जवाहर सिंह को नाराज कर दिया।इसलिए इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
4 अप्रैल 1946 के दिन थानेदार गुमानसिंह ने मिट्टी का तेल डालकर इन्हें जिंदा जला दिया गया।
भारत सरकार ने 1986 में सागरमल गोपा पर डाक टिकट जारी किया गया । उन्होंने तीन किताबे भी लिखी थी (1) जैसलमेर का गुंडा राज(जैसलमेर के शासन की आलोचना की) (2) रघुनाथ सिंह का मुकदमा( जनता को न्यायपालिका के प्रति सजग करने के लिए लिखी) (3) आज़ादी के दीवाने आदि(जेल एम रहेते हुए लिखी) •• इनकी मृत्यु के बाद मृत्यु की जांच के लिए गोपाल स्वरूप पाठक आयोग का गठन किया गया।