साधना
अनुशासित और समर्पित अबभ्यास्
साधना (तिब्बती भाषा: སྒྲུབ་ཐབས་, THL druptap, चीनी भाषा : 修行)का शाब्दिक अर्थ है, 'किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किया जाने वाला कार्य'। किन्तु वस्तुतः यह एक आध्यात्मिक क्रिया है। धार्मिक और आध्यात्मिक अनुशासन जैसे कि पूजा , योग , ध्यान , जप , उपवास और तपस्या के करने को साधना कहते हैं। अनुरुद्ध प्रगति के लिए साधना को प्रतिदिन करना चाहिए। सनातन धर्म, बौद्ध, जैन, सिख आदि धर्मों में लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भिन्न प्रकार की साधनाएँ की जाती हैं।
ऋषि पतंजलि जी ने अपने योगसूत्र में योग-साधना में चौदह प्रकार के विघ्न बताए हैं और साथ ही इनसे छूटने के उपाय भी बताया है।[1]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "साधना के विघ्न और उनके उपाय". मूल से 23 नवंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जनवरी 2017.