साधारण अवकल समीकरण के हल की संख्यात्मक विधियाँ

साधारण अवकल समीकरणों के हल की संख्यात्मक विधियाँ उन समीकरणों का भी हल दे सकतीं हैं जो वैश्लेषिक रीति से सम्भव नहीं होते। कभी-कभी इसे 'संख्यात्मक समाकलन' भी कहते हैं (यद्यपि 'संख्यात्मक समाकलन' का मतलब संख्यात्मक रीति से निश्चित समाकल का मान निकालना भी होता है।)।

विभिन्न संख्यात्मक विधियों द्वारा अवकल समीकरण का हल ;
नीला: आयलर विधि द्वारा,
हरा: मध्यबिन्दु विधि द्वारा,
लाल : यथार्थ हल,
यहाँ संख्यात्मक विधियों में स्टेप साइज लिया गया है।
लेकर उपरोक्त समीकरण का हल। इससे स्पष्ट है कि मध्यबिन्दु विधि, आयलर विधि की अपेक्षा तेजी से कन्वर्ज होती है।

इसके लिये बहुत सी विधियाँ हैं जिनकी अपने-अपने गुण और अवगुण हैं। इनसे मिलने वाला हल यथार्थ (exact) नहीं होता किन्तु सन्निकट मान (एप्रॉक्सिमेट वैल्यू) देता है। हाँ इस हल को यथार्थ हल के जितना निकट ले जाना आवशयक हो, उतना निकट ले जाया जा सकता है।

प्रथम ऑर्डर के अवकल समीकरण का हल वस्तुतः एक आरम्भिक मान समस्या (Initial value problem) है जिसका स्वरूप निम्नलिखित होता है-

 

एक चरण वाली विधियाँ

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  • (१) आयलर की स्पष्ट (इक्प्लिसिट) विधि
 
  • (२) आयलर की अस्पष्ट (इम्प्लिसिट) विधि, या आयलर की बैकवर्ड विधि
 
  • (३) ट्रैपीजॉयडल विधि
 
  • (४) ह्यून (Heun) की विधि
सबसे पहले यह गणना करें:
 
फिर यह निकालें:
 

बहुचरणी विधियाँ

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  • (१) आदम्स-बाशफोर्थ (Adams-Bashforth) विधि
 
  • (२) आदम्स-मोल्टन (Adams-Moulton) विधि
 

प्राक्कलन-संशोधन विधि

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इस विधि को 'प्रेडिक्टर-करेक्टर विधि' भी कहते हैं। इसमें एक स्पष्ट विधि (प्रेडिक्टर) द्वारा पहले एक सन्निकट (approx value) निकालते हैं और फिर दूसरी अस्पष्ट विधि (करेक्टर) का उपयोग करते हुए अधिक शुद्ध मान निकाला जाता है।

पॉवर श्रेणी के रूप में सन्निकटन द्वारा

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इन्हें भी देखें

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