सामान्य वर्ग को आरक्षण
भारत में आरक्षण काफी लंबे समय से चला आ रहा है. यह आरक्षण वर्ग के अनुसार लागू किया गया है. और इन वर्गों में कुछ निश्चित जातियों को शामिल करके आरक्षण का लाभ दिया जाता है.
भारत की जनसंख्या को चार वर्गों में बांटा गया है
संपादित करें- सामान्य वर्ग
- ओबीसी
- एससी
- एसटी
✅ हर व्यक्ति समान है इसलिए समान रूप से देखा जाना चाहिए।
आरक्षण केवल उसी को मिलना चाहिए जो गरीब हो। चाहे कोई भी धर्म किसी भी जाति का हो जो गरीब हो केवल उसके लिए ही आरक्षण उपस्थित होना चाहिए।
सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण
संपादित करेंसरकार ने जनवरी 2019 को लोकसभा में संविधान संशोधन बिल [1] लाकर सवर्णों के लिए भी 10% आरक्षण प्रदान कर दिया है. लेकिन यह आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जा रहा है. सामान्य वर्ग में आने वाले सभी धर्मों के लोगों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर ही आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा. यदि सामान्य वर्ग का व्यक्ति सालाना 8 लाख से कम आय प्राप्त करता है तो वह इसके योग्य माना जाएगा. ये आरक्षण केवल आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को ही मिलेगा.
सुब्रमण्यम स्वामी : ओबीसी को आरक्षण
संपादित करेंभारतीय जनता पार्टी के सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा नेतृत्व की जा रही जनता पार्टी ने 1971 में मंडल कमीशन बनाकर ओबीसी के लिए भी आरक्षण लाया था तो उसमें भी आर्थिक स्थिती को आधार बनाया था, OBC पर वही नियम अब भी लागूू हैै। परंतु एससी और एसटी वर्ग के जनजातियों को बिना किसी शर्त के आरक्षण का लाभ दिया जाता है. इसमें भी सभी धर्मों के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता है. एससी एसटी को दिए जाने वाले आरक्षण के नियम लोगो को सही नहीं लगते क्यूंकि आर्थिक रूप से काफी मजबूत लोग भी इस इस एससी एसटी आरक्षण का लाभ उठाते हैं, क्यूंकि ये आरक्षण एससी एसटी में आने वाले सभी धर्मो और जातियों को दिया जाता है भले ही वह अमीर या व्यापारी हों.