सार्वभौमवाद
यह विचार कि सार्वभौमिक तथ्य मौजूद हैं और सापेक्षवाद के विपरीत उत्तरोत्तर खोजे जा सकते हैं
(सार्वभौमिकता से अनुप्रेषित)
विश्लेषी दर्शन में, सार्वभौमवाद या सार्वभौमिकता (universality) वह विचार है जो मानता है कि कुछ तथ्य है जो सभी देश-काल में सत्य है। सार्वभौम सत्य का विचार, सापेक्षवाद (relativism) के विपरीत विचार है। कुछ धर्मतन्त्रों (theologies) में सार्वभौमवाद उस चीज को कहा गया है जिसका अस्तित्व पूरे ब्रह्माण्ड में एक ही रूप में है। यह मध्यायुगीन राजनीतिक दर्शन की सबसे बडी विशेषता सार्वभौमिकता का प्रतिपादन रहा है