साल्सेट, (गोवा के एक तालुका) से यह अलग है।

साल्सेट द्वीप (मराठीसाष्टी, Sashti [?]) भारत के महाराष्ट्र प्रदेश में पश्चिमी तट पर स्थित एक द्वीप है। मुंबई का महानगर (भूतपूर्व बंबई) और ठाणे शहर इस द्वीप पर स्थित हैं, जिससे यह केन्या के मिजिंगो द्वीप, हांगकांग, चीन के ऐप ली चाऊ और मालदीव के माले द्वीप के बाद विश्व का 7वां सबसे घनी बस्ती वाला और 13वां सर्वाधिक जनसंख्या वाला द्वीप बन गया है।

Salsette
भूगोल
अवस्थितिअरब सागर
निर्देशांक20°N 72°E / 20°N 72°E / 20; 72
क्षेत्रफल436 km2 (168.3 sq mi)
अधिकतम ऊँचाई468 m (1535 ft)
प्रशासन
जनसांख्यिकी
जनसंख्या13,000,000
जन घनत्व29,800 /km2 (77,200 /sq mi)

वर्तमान द्वीप पहले कई छोटे द्वीपों से मिलकर बना था, जिन्हें 19वीं और 20वीं सदी के प्रारंभ में जोड़ कर एक द्वीप में बदल दिया गया। इस द्वीप के उत्तर में वसई खाड़ी, उत्तरपूर्व में उल्हास नदी, पूर्व में ठाणे खाड़ी और बंबई बंदरगाह, तथा दक्षिण और पश्चिम में अरब सागर हैं। मुंबई शहर इस द्वीप के दक्षिणी छोर पर एक प्रायद्वीप पर बसा है और मुंबई के उपनगर द्वीप के बाकी अधिकांश भाग पर बसे हैं। इसी द्वीप पर बोरीवली नेशनल पार्क, जिसे संजय गांधी नेशनल पार्क भी कहते हैं, स्थित है। ठाणे शहर द्वीप के उत्तर-पूर्व कोने पर ठाणे खाड़ी पर स्थित है। राजनीतिक रूप से द्वीप का अधिकांश भाग मुंबई नगरपालिका में आता है। यह नगरपालिका दो भिन्न जिलों, मुंबई शहर और मुंबई उपनगरों में विभाजित है। द्वीप का उत्तरी भाग ठाणे जिले में आता है, जो वसई और ठाणे खाड़ियों पर से होता हुआ मुख्य इलाके तक फैला है।

मुम्बई का इतिहास भी देखें

ससाष्टी (संक्षिप्त में साष्टी) नाम का अर्थ है, ’छांसठ गांव’ जिन पर किसान, कर्षक. ताड़ी निकालने वाले, कारीगर, मछुआरे आदि रहा करते थे जिन्होंने सन् 55 ई. में पश्चिम महाराष्ट्र के उत्तरी कोंकण में ईसामसीह के शिष्य सेंट बार्थोलोम्यू के आने पर ईसाई धर्म अपनाया था और जिन्हें बाद में चार उपदेशक वर्गों -डोमिनिकनों, फ्रांसिस्कानों, अगस्तिनीयनों और जेसुइटों द्वारा, जो 15वीं सदी में पुर्तगालियों के साथ आए थे - रोमन कैथोलिक बना दिया गया। साल्सेट द्वीप के ये मूल निवासी पूर्व भारतीय कैथोलिक और कोली हैं। बंबई का द्वीप शहर साल्सेट द्वीप के दक्षिणी भाग में था और माहिम की खाड़ी उसे इस द्वीप से अलग करती थी। मुंबई का वर्तमान शहर इन सब क्षेत्रों से मिल कर बना है जो मूल रूप से सात छोटे द्वीप थे। ट्राम्बे का द्वीप साल्सेट के दक्षिणपूर्व में था हालांकि अधिकांश दलदल भरे स्थानों को भरकर अब भूमि में बदल दिया गया है।

दूसरी शताब्दी के समय की 109 बौद्ध गुफाएं जिनमें कान्हेरी की गुफाएं भी शामिल हैं, इस द्वीप पर पाई जा सकती हैं। इस द्वीप पर लगातार कई हिन्दू राजाघरानों का शासन रहा, जिनमें से अंतिम राजघराना सिल्हारों का था। 1343 में, ये द्वीप गुजरात की मुस्लिम सल्तनत के कब्जे में चले गए। 1534 में, गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से पुर्तगालियों ने इन द्वीपों का शासन हथिया लिया। साष्टी पुर्तगाली भारत के उत्तरी प्रांत का हिस्सा था, जिस पर वसई की खाड़ी के उत्तरी तट पर स्थित बाकाइम (वर्तमान वसई) का शासन था। 1661 में बम्बई के सात द्वीपों को, इंग्लैंड के किंग चार्ल्स द्वितीय के लिए ब्रागांका की कैथरीन के दहेज के रूप में ब्रिटेन को सौंप दिया गया था। पुर्तोगालियों के हाथों में साष्टी मौजूद है। किंग चार्ल्स ने बम्बई के उपद्वीपों को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को 10 पौंड प्रति वर्ष की दर से किराये पर दे दिया. कम्पनी ने बम्बई के गहरे बंदरगाह को अत्यंत ही उपयुक्त पाया और वहां की जनसंख्या जो 1661 में 10000 थी बढ़ कर 1675 तक 60000 हो गई। 1687 में, ईस्ट इंडिया कम्पनी ने अपने मुख्य कार्यालय सूरत से बम्बई स्थानांतरित कर लिये.

1737 में, ससाष्टी पर मराठों द्वारा कब्जा कर लिया गया और उत्तरी पुर्तगाली प्रांत के अधिकांश भाग को भी 1739 में मराठों ने ले लिया। ब्रिटिश लोगों ने साष्टी पर 1774 में वापस कब्जा कर लिया, जो सालबाई की 1782 में की गई संधि में औपचारिक रूप से ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया गया।

1782 में बंबई प्रेसीडेंसी के तत्कालीन गवर्नर, विलियम हार्नबी ने उपद्वीपों को जोड़ने का काम शुरू किया। ईस्ट इंडिया कंपनी के निदेशकों के विरोध के बावजूद हार्नबी वेलार्ड 1784 में शुरू किये गये इंजीनियरिंग उपक्रमों में से पहला उपक्रम था। वेलार्ड को बनाने की कीमत रू. 100,000 अनुमानित की गई थी। इस उपक्रम के कार्य में 1817 में तेजी आई और 1845 तक 435 वर्ग किमी के क्षेत्रफल वाले सात दक्षिणी द्वीपों को पुरानी बम्बई से जोड़ा जा चुका था। 19वीं शताब्दी में बम्बई द्वीप को साष्टी से और साष्टी से मुख्य भूमि को जोड़ने के लिये रेल्वे पुल और सड़क पुल बनाए गए। इन रेल की पटरियों ने मालदार व्यापारियों को साष्टी में अट्टालिकाएं बनाने के लिये प्रोत्साहित किया और 1901 तक साष्टी की आबादी 146,993 हो गई और उसे बृहत्तर बम्बई के नाम से जाना जाने लगा. बम्बई और ट्रॉम्बे द्वीपों को साष्टी द्वीप से अलग करने वाली नहरों को 20वीं शताब्दी के शुरू में पाट दिया गया।

 
द्वीप को दर्शाता हुआ 1893 का नक्शा

द्वीप के कुछ भाग पहाड़ी हैं, हालांकि कई पहाड़ियों को काट कर छिछले स्थानों को भरकर द्वीप को बढ़ाने और द्वीपों को आपस में जोड़ने के काम में लाया गया है। द्वीप का सर्वोच्च बिंदु द्वीप के उत्तरी भाग में बोरीवली नेशनल पार्क में लगभग 450 मीटर की ऊंचाई पर है। यह नेशनल पार्क विश्वभर में शहरी दायरे में स्थित सबसे बड़ा पार्क है।

भूविज्ञान

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यह द्वीप अनेक दोष रेखाओं के संयोग-स्थल पर स्थित है। इसके कारण इस क्षेत्र में 6 तक के परिमाण के भूकम्प आने की संभावना अधिक है। यह द्वीप अधिकतर काली असिताश्म चट्टानों से बना है। चूंकि यह समुद्र तट से लगा हुआ है, इसलिये इसके पश्चिमी तट के साथ-साथ फैली रेतीली पट्टी भी है। पुराने बम्बई का दक्षिणी भाग अधिकांशतया समुद्रतल के स्तर पर है। फिर भी जो भाग पहले छिछले थे वे समुद्र तल से नीचे के स्तर पर हैं। शहर के कई भाग पहाड़ी हैं। यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि इस द्वीप पर एक बिंदु पर लाल मिट्टी और चट्टानें हैं।

अन्य प्राकृतिक रचनाएं

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इस द्वीप पर तीन मुख्य झीलें हैं – पवई झील, तुलसी झील और विहार झील. पवई झील को छोड़ कर शेष दोनो झीलें शहर की जल की आवश्यकता के एक हिस्से को पूरा करती हैं। ठाणे क्षेत्र में असंख्य अन्य छोटे तालाब और झीलें भी हैं। बम्बई का मशहूर भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान पवई झील के किनारे स्थित है।

तीन छोटी नदियां, मिठी (माहिम), ओशिवाड़ा और दहीसार, नेशनल पार्क से शुरू होकर अरब महासागर में मिल जाती हैं। मिठी नदी पवई झील से प्रारंभ होती है। वसई और ठाणे खाड़ियां उल्हास नदी के मुहाने की वितरक हैं।

खाड़ियां

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कई खारे पानी की खाड़ियां तट से भूमि के भीतर की ओर फैली हैं। माहिम की खाड़ी शहर को पश्चिम के और सियॉन की खाड़ी पूर्व के उपनगरों से अलग करती है (सियॉन की खाड़ी अब अस्तित्व में नहीं है). पश्चिमी तट पर और आगे उत्तर की ओर ओशिवाड़ा नदी मलाड़ (या मार्वे) की खाड़ी में और दहीसार नदी गोराई की खाड़ी में गिरती है। पूर्वी तट पर भी कई छोटी खाड़ियां हैं।

आर्द्र प्रदेश

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इस द्वीप के पूर्वी तट के छोटे दक्षिणी भाग में बम्बई बंदरगाह है। इस क्षेत्र के उत्तर में बड़ी तादाद में संरक्षित आर्द्र प्रदेश हैं, जहां प्रवासी पक्षियों का निवास है। द्वीप के उत्तरी, उत्तर-पश्चिम भाग और माहिम नदी के कुछ भागों में भी सरकार द्वारा संरक्षित दलदली भूमि है। इन दलदली इलाकों में विशाल और घने आम्रकुंजी वन हैं।

समुद्रतट

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मुम्बई के पश्चिमी तट पर असंख्य बीचें हैं। गिरगांव-चौपाटी बीच इनमें से सबसे मशहूर है। अन्य प्रसिद्ध बीचों में दादर बीच, जुहू बीच, माहिम बीच, गोराई बीच, मनोरी बीच और वर्ली बीच हैं; इनमें से जुहू, मनोरी और गोराई बीचें साष्टी द्वीप के पश्चिमी तट पर स्थित हैं।

निर्देशांक: 19°12′N 72°54′E / 19.200°N 72.900°E / 19.200; 72.900

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  1. nicDark. "Salsette Island". Bhaarat darshan. Archived from the original on 6 मई 2017. Retrieved 2017-05-07.
  2. "Salsette Island, Mumbai, Maharashtra –". Travelguideindia.in. Archived from the original on 22 अप्रैल 2017. Retrieved 2017-05-07.
  3. "Mumbai to Salsette Island by Train, Taxi, Car, Rideshare, Uber, Foot". Rome2rio.com. Archived from the original on 7 अप्रैल 2016. Retrieved 2017-05-07.
  4. "Salsette Island". tourmet. 2014-06-06. Archived from the original on 2 मई 2017. Retrieved 2017-05-07.
  5. "Distance between Thane Railway Station West and Salsette Island". Alldistancebetween.com. Retrieved 2017-05-07.