साहित्यकार संसद की स्थापना 1942 में इलाहाबाद में हुई थी। इस संस्था के लिए 1945 में महादेवी वर्मा ने गंगा के किनारे रसूलाबाद में एक भवन खरीदा। 1950 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने साहित्यकार संसद के वाणी मंदिर का शिलान्यास किया था।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. वर्मा, महादेवी (1977). अतीत के चलचित्र. नई दिल्ली: राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड. पृ॰ 111. 81-7119-099-5. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)