सिंधी टोपी (सिंधी: سنڌي ٽوپي ‎, शाहमुखी: سرائیکی ٹوپی, उर्दू: سندھی ٹوپی‎) एक विशेष टोपी है जो एक महिराबी शक्ल में आगे से कटी हुई होती है। आजकल ये टोपी पठानों और सरायकी लोगों के द्वारा भी पहनी जाती है। प्रत्येक वर्ष सिंधी संस्कृति एवं भाषा की हामिल इस टोपी को 21 दिसंबर को एक विशेष दिन के रूप में निर्दिष्ट किया गया है।[1] यह टोपी सिंधी राष्ट्रवाद का एक प्रतीक है।

सिंधी टोपी को पहने वाला एक लड़का, ये टोपी पाकिस्तान तथा अफ़्ग़ानिस्तान में अति प्रसिद्ध है।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 28 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अगस्त 2016.