महासागर के गहरे सागरीय मैदान की तली पर पाया जाने वाला निक्षेप सिंधुपंक या निपंक (ooze) कहलाता है। यह मुख्यतः तरल पंक (liquid mud) के रूप में होता है। इसमें अधिकांशतः उन जीवों के अवशेष पाये जाते हैं जो जल के उपरी भाग में रहते हैं। मरने के बाद उनके अवशेषों का निक्षेप महासागरीय तली पर जमा होता रहता है। इसमें ज्वालामुखी धूलि के निक्षेप भी मिलते हैं।

टेरापोड सिंधु पंक (pteropod ooze) और ग्लोबिजेरिना सिंधुपंक (globigerina ooze) चूना प्रधान सिंधुपंक के उदाहरण हैं जिनका निर्माण क्रमशः टेरेपाड तथा ग्लोबिजेरिना जीवों के अवशोषों द्वारा होता है और इनमें कैल्सियम की मात्रा क्रमशः 80 प्रतिशत और 65 प्रतिशत पायी जाती है। रेडियो लेरियन सिंधु पंक (radiolarian ooze) और डायटम सिंधुपंक (diatom ooze) सिलिका प्रधान सिंधुपंक हैं जिनका निर्माण रेडियोलेरिया, डायटम तथा फोरामिनिफेरा जीवों के अवशेषों के निक्षेप से होता है।[1]

  1. सिंधु पंक (Ooze)[मृत कड़ियाँ] (इण्डिया वाटर पोर्टल)