सिंफनी
सिंफनी (Symphony) यूरोपीय वृंदगान की विशिष्ट शैली का नाम है। यह शब्द यूनानी भाषा का है जिसका अर्थ है "सहवादन"। 16वीं शती में गेय नाटक (ऑपरा) के बीच में जो वृंदवादन के भाग होते थे उन्हें सिंफनी कहते थे। इसका विकसित रूप इतना सुंदर हो गया कि वह गेय नाटक (ऑपरा) के अतिरिक्त स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने लगा। अत: यह अब वृंदगान (आरकेस्ट्रा) की एक स्वतंत्र शैली है।
इसमें प्राय: चार गतियाँ होती हैं। पहली गति द्रुत लय में होती है जिसमें एक या दो से लेकर चार वाद्यों तक का प्रयोग होता है।
दूसरी गति की लय पहले की अपेक्षा विलंबित होती है। तीसरी गति की लय नृत्य के ढंग की होती है जिसे पहले मिन्यूट (minuet) कहते थे और जिसने अंत में स्करत्सो (scherzo) का रूप धारण कर लिया। इसकी लय तीन-तीन मात्रा की होती है। चौथी गति की लय पहली के समान द्रुत होती है किंतु पहली की अपेक्षा कुछ अधिक हलकी होती है। चारों गतियाँ मिलकर एक समग्र या समष्टि संगीत का आनंद देती हैं जिससे श्रोता आत्मविभोर हो उठता है। हेडन, मोत्सार्ट, बीटोवन, शूबर्ट, ब्राह्मस इत्यादि सिंफनी शैली के प्रसिद्ध कलाकार हुए हैं।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- A Chronology of the Symphony 1730-2005 A list of selected major symphonies composed 1800-2005, with composers of 18th century symphonies
- The Symphony - Interactive Guide
- A fairly detailed list of symphonists, mostly active after 1800 - Part 1
- A fairly detailed list of symphonists, mostly active after 1800 - Part 2
- A fairly detailed list of symphonists, mostly active after 1800 - Part 3
- A fairly detailed list of symphonists, mostly active after 1800 - Part 4