सिरदर्द
शिरोवेदना चेहरा, शिर या गर्दन में पीड़ा का लक्षण है। यह अधकपारी, तनाव शिरोवेदना या क्लस्टर शिरोवेदना के रूप में हो सकता है।[1][2] गम्भीर शिरोवेदना वाले लोगों में अवसाद का संकट बढ़ जाता है।[3]
शिरोवेदना वर्गीकरण व बाहरी संसाधन | |
कई स्थितियों के कारण शिरोवेदना हो सकता है। इसके लिए कई विभिन्न वर्गीकरण प्रणालियाँ हैं। सबसे अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त अन्तर्राष्ट्रीय शिरोवेदना समाज है, जो इसे 150 से अधिक प्रकार के प्राथमिक और माध्यमिक शिरोवेदना में वर्गीकृत करती है। शिरोवेदना के कारणों में निर्जलीकरण शामिल हो सकता है; श्रान्ति; अनिद्रा; तनाव; वापसी सहित औषधों (अत्युपोग) और मनोरंजक औषधों के प्रभाव; विषाणु संक्रमण; जोर शोर; शिर पर चोट; बहुशीतल भोजन या पेय का तीव्रता से अन्तर्ग्रहण; और दन्त या वायुविवर के समस्याएँ (जैसे साइनसाइटिस)।
कारणसंपादित करें
सिरदर्द केवल एक लक्षण है, कोई रोग नहीं। इसके अनेक कारण हो सकते हैं, जैसे साधारण चिंता से लेकर घातक मस्तिष्क अर्बुद तक। इसके सौ से भी अधिक कारणों का वर्णन यहाँ संभव नहीं है, पर उल्लेखनीय कारण निम्नांकित समूहों में वर्णित हैं :
1. शिर:पीड़ा के करोटि के भीतर के कारण -
- मस्तिष्क के रोग - अर्बुद, फोड़ा, मस्तिष्कशोथ तथा मस्तिष्काघात;
- तानिका के रोग - तानिकाशोथ, अर्बुद, सिस्ट (cyst) तथा रुधिरसमूह (हीमेटोमा);
- रक्तनलिकाओं के रोग - रक्तस्राव, रक्तावरोध, थ्रॉम्बोसिस (thrombosis) तथा रक्तनलिका फैलाव (aneurism), धमनी काठिन्य आदि।
2. शिर:पीड़ा के करोटि के बाहर के कारण -
- शिरोवल्क के अर्बुद, मांसपेशियों का गठिया तथा तृतीयक उपदश;
- नेत्र गोलक के अर्बुद, फोड़ा, ग्लॉकोमा (glauscoma), नेत्र श्लेष्मला शोथ तथा दृष्टि की कमजोरी;
- दाँतों के रोग - फोड़ा तथा अस्थिक्षय;
- करोटि के वायुविवर के फोड़े, अर्बुद तथा शोथ;
- कर्णरोग - फोड़ा तथा शोफ़;
- नासिका रोग - नजला, पॉलिप (polyp) तथा नासिका पट का टेढ़ापन और
- गले के रोग - नजला, टांन्सिल के रोग, ऐडिनाइड (adenoid) तथा पॉलिप।
3. विषजन्य शिर:पीड़ा के कारण -
- बहिर्जनित विष - विषैली गैस, बंद कमरे का वातावरण, मोटर की गैस, कोल गैस, क्लोरोफॉर्म, ईथर और औषधियाँ, जैसे कुनैन, ऐस्पिरिन, अफीम, तंबाकू, शराब, अत्यधिक विटामिन डी, सीसा विष, खाद्य विष तथा ऐलर्जी (allergy);
- अंतर्जनित विष - रक्तमूत्र विषाक्तता, रक्तपित्त विषाक्तता, मधुमेह, गठिया, कब्ज, अपच, यकृत के रोग, मलेरिया, टाइफॉइड, (typhoid), टाइफस (typhus) इंफ्ल्यूएंज़ा, फोड़ा, फुंसी तथा कारबंकल।
4. शिर:पीड़ा के क्रियागत कारण -
- अति रुधिर तनाव - धमनी काठिन्य तथा गुर्दे के रोग;
- अल्प तनाव - रक्ताल्पता तथा हृदय के रोग;
- मानसिक तनाव - अंतद्वैद्व, चेतन एवं अचेतन मस्तिष्क का संघर्ष
- शिर पर अत्यधिक दबाव;
- अत्यधिक शोर;
- विशाल चित्रपट से आँखों पपर तनाव;
- लंबी यात्रा (मोटर, ट्रेन, हवाई यात्रा);
- लू लगना;
- हिस्टीरिया;
- मिरगी;
- तंत्रिका शूल;
- रजोधर्म;
- रजोनिवृत्ति;
- सिर की चोट तथा
- माइग्रेन (अर्ध शिर:पीड़ा)।
शिर:पीड़ा की उत्पत्ति के संबंध में बहुत सी धारणाएँ हैं। मस्तिष्क स्वयं चोट के लिए संवेदनशील नहीं है, किंतु इसके चारों ओर जो झिल्लियाँ या तानिकाएँ होती हैं, वे अत्यंत संवेदनशील होती हैं। ये किसी भी क्षोभ, जैसे शोथ, खिंचाव, तनाव, विकृति या फैलाव द्वारा शिर:पीड़ा उत्पन्न करती हैं। आँख तथा करोटि की मांसपेशियों के अत्यधिक तनाव से भी दर्द उत्पन्न होता है।
सामान्य करणसंपादित करें
- मसल्स में खिंचाव : आमतौर पर खोपड़ी की मसल्स में खिंचाव के कारण सिरदर्द होता है।
- - फिजिकल स्ट्रेस : लंबे वक्त तक शारीरिक मेहनत और डेस्क या कंप्यूटर के सामने बैठकर घंटों काम करने से हेडेक हो सकता है।
- - इमोशनल स्ट्रेस और जिनेटिक वजहें : किसी बात को लेकर मूड खराब होने या देर तक सोचते रहने से भी सिरदर्द हो सकता है। सिरदर्द के लिए जेनेटिक कारण भी 20 फीसदी तक जिम्मेदार होते हैं। मसलन, अगर किसी के खानदान में किसी को माइग्रेन है तो उसे भी हो सकता है।
- - नींद पूरी न होना : नींद पूरी न होने से पूरा नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है और ब्रेन की मसल्स में खिंचाव होता है, जिससे सिरदर्द हो जाता है। इसके अलावा वक्त पर खाना न खाने से कई बार शरीर में ग्लूकोज की कमी हो जाती है या पेट में गैस बन जाती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है।
- - अल्कोहल : ज्यादा अल्कोहल लेने से सिरदर्द हो सकता है।
- - बीमारी : दूसरी बीमारियां जैसे कि आंख, कान, नाक और गले की दिक्कत भी सिरदर्द दे सकती है।
- - एनवायनरमेंटल फैक्टर : ये फैक्टर भी तेज सिरदर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं, उदाहरण के तौर पर गाड़ी के इंजन से निकलने वाली कार्बनमोनोऑक्साइड सिरदर्द की वजह बन सकती है।
सिरदर्द के घरेलू उपायसंपादित करें
- नींबू और गुनगुना पानी - सिरदर्द का एक बड़ा कारण कई बार पेट में गैस बढ़ जाना भी होता है। पेट में बनने वाली गैस से निजात पाने और इसके कारण होने वाले सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू निचोड़कर पिएं। स्वाद के लिए इसमें शहद मिला सकते हैं।
- चंदन का लेप - जब भी सिरदर्द हो तो चंदन की लकड़ी को घिसकर थोड़ा पेस्ट तैयार करें और माथे पर लगा लें। ऐसा करने से गर्मियों के दिनों में गर्म मौसम के कारण होने वाले सिरदर्द से छुटकारा मिल जाता है।
- पुदीना और धनिया - पुदीने का प्रमुख घटक मेंथोल सिरदर्द से राहत देने में बहुत प्रभावी है। पुदीने की मुट्ठीभर पत्तियों के रस को माथे पर कुछ देर के लिए लगाकर रखें। इस तरह से आपको सिरदर्द से छुटकारा मिल जाएगा। पुदीने के अलावा धनिए के रस से भी सिरदर्द में राहत मिलती है।
- बर्फ से सिकाई - अगर आप सिरदर्द से पीड़ित हैं तो बर्फ का पैक लेकर माथे पर लगाएं, इससे दर्द का एहसास कराने वाली नसें सुन्न हो जाएंगी और आपको सिरदर्द से राहत मिल जाएगी। बर्फ के पैक को माथे और गर्दन के पीछे भी लगा सकते हैं। इससे माइग्रेन में भी आराम मिलेगा।
सिरदर्द के प्रकारसंपादित करें
शिर:पीड़ा निम्नलिखित कई प्रकार की हो सकती है :
(1) मंद - करोटि के विवर के शोथ के कारण मंद पीड़ा होती है। यह दर्द शिर हिलाने, झुकने, खाँसने, परिश्रम करने, यौन उत्तेजना, मदिरा, आशंका, रजोधर्म आदि से बढ़ जाता है।
(2) स्पंदी - अति रुधिरतनाव पेट की गड़बड़ी या करोटि के भीतर की धमनी के फैलाव के कारण स्पंदन पीड़ा होता है। यह दर्द लेटने से कम हो जाता है तथा चलने फिरने से बढ़ता है।
(3) आवेगी - तंत्रिकाशूल के कारण आवेगी पीड़ा होती है। यह दर्द झटके से आता है और चला जाता है।
(4) तालबद्ध - मस्तिष्क की धमनी का फैलाव, धमनीकाठिन्य तथा अतिरुधिर तनाव से इस प्रकार की पीड़ा होती है।
(5) वेधक - हिस्टीरिया में जान पड़ता है जैसे कोई करोटि में छेद कर रहा हो।
(6) लगातार - मस्तिश्क के फोड़े, अर्बुद, सिस्ट, रुधिरस्राव तथा तानिकाशोथ से लगातार पीड़ा होती है।
शिर:पीड़ा के स्थान, समय, प्रकार तथा शरीर के अन्य लक्षणों एवं चिन्हों के आधार पर शिर:पीड़ा के कारण का निर्णय या रोग का निदान होता है।
आमतौर पर सिरदर्द चार तरह के होते हैं :
बाहरी सूत्रसंपादित करें
- IHS - The International Headache Classification (ICHD-2)
- Withdrawal related headache information
- HealthyCase - Headache or Cephalalgia
- ↑ "Headache disorders". www.who.int (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-02-17.
- ↑ Silberstein, Stephen D. (2022-03-09), Lynch, Mary E.; Craig, Kenneth D.; Peng, Philip W. (संपा॰), "Headache", Clinical Pain Management (अंग्रेज़ी में) (1 संस्करण), Wiley, पपृ॰ 336–342, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-119-70115-6, डीओआइ:10.1002/9781119701170.ch32, अभिगमन तिथि 2023-02-17
- ↑ "Headache disorders". www.who.int (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-02-17.