सिस्ट (cyst), जिसे गाँठ या पुटि भी कहते हैं, शरीर के भीतर झिल्ली (मेम्ब्रेन) में बंद एक असाधारण (अनुचित) थैली होती है, जिसकी अंदर कोशिकाएँ आसपास के ऊतकों (टिशू) से अलग आयोजित होती हैं। सिस्ट की परिभाषा के अनुसार यह एक विकृत ढांचा माना जाता है, हालांकि बहुत से सिस्ट शारीर में बिना हानि के आजीवन रह सकते हैं। सिस्ट के भीतर वायु, द्रव या अर्ध-ठोस सामग्री हो सकती है। कुछ सिस्टों स्वयं ही समय के साथ-साथ छोटे होकर लुप्त हो जाते हैं जबकि कुछ एक ही आकार बनाए हुए दशकों तक रह सकते हैं। अन्य सिस्ट आकार में बढ़ते रहते हैं और उनका उपचार दवा से या फिर शल्यचिकित्सा (सर्जरी) से करा जाता है। कुछ सिस्ट आगे चलकर कर्क रोग (कैंसर) के फुलाव (ट्यूमर) बन सकते हैं।[1][2]

सूक्ष्मदर्शी में एक सिस्ट जिसमें उसे बंद करने वाली झिल्ली स्पष्ट दिख रही है

इन्हें भी देखें संपादित करें


सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर