सीई-२०
सीई-२० (CE-20) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की 'लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम सेन्टर' नामक इकाई द्वारा विकसित किया जा रहा क्रायोजेनिक इंजन है। इसका विकास जीएसएलवी तृतीय (GSLV III) के ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करने के लिये किया जा रहा है।
विनिर्देश (Specifications)
संपादित करेंइस इंजन के स्पेसिफिकेशन निम्नलिखित हैं-[1]
- ऑपरेटिंग सायकिल - गैस जनरेटर
- नोदक मिश्रण - LOX / LH2
- सामान्य थ्रस्ट (Thrust Nominal (निर्वात)) - 200 kN
- ऑपरेटिंग थ्रस्ट रेंज - 180 kN से 220 kN (किसी निश्चित मान पर रखा जायेगा।)
- चैम्बर दाब (सामान्य) - 6 MPa
- इंजन मिश्रण अनुपात (ऑक्सीकारक/ईंधन के भार का अनुपात) - 5.05
- इंजन का विशिष्ट आवेग (Impulse) - 443 ± 3 second (4.344 ± 0.029 km/s)
- इंजन के चलने की अवधि (Burn Duration (Nom)) - 595 सेकेण्ड
- कुल प्रवाह दर - 462 kg/s
- नॉजिल क्षेत्रफल अनुपात - 100
- द्रव्यमान - 588 kg
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "LPSC Handouts at Aer India-2009". Specifications of CE-20. Liquid Propulsion Systems Centre. 2009-03-13. मूल से 18 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-08-29.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- हकीकत बनेगा जीएसएलवी मार्क-3 का सपना[मृत कड़ियाँ] (पत्रिका)
- Cryogenic engine tested successfully, PM hails space scientists (इण्डीया टीवी)
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