सुंदरी (सुंदरगढ़) गांव
सुंदरी ([1]) भारत के बिहार राज्य अंतर्गत कैमूर भभुआ जिले में बेलांव थाना भगवानपुर प्रखंड के मोकरम पंचायत मैं स्थित एक छोटा सा गांव है। इस गांव के पूर्व में कस्तुरीसराय गांव व दक्षिण में चाकेडिहरा, पश्चिम में कुकुरनहिया नदी और बहुरी गांव तथा उत्तर मे ओरा गांव स्थित है, कैमूर की पहाड़ियों की गोद में बसा यह गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली की दृष्टिकोण से खास है। यहां के खेतों में अनेक प्रकार की फैसले उगती है और अमित सौंदर्य का दर्शन कराती है।
नदी- कुकुरनहिया नदी इस गांव के पश्चिमी भाग से बहती हुई उत्तर पूरब की तरफ ओरा गांव की ओर निकल जाती है, यह एक बरसाती नदी है, जो कैमूर की पहाड़ियों में स्थित अधौरा प्रखंड के आसपास से निकलती है।
मुख्य सड़क-ग्रैंड ट्रंक रोड
निकटतम रेलवे स्टेशन-भभुआ रोड
निकटतम हवाई अड्डा- लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वाराणसी
मुख्य भाषा-यहां के लोग मुख्यतः भोजपुरी बोलते हैं, हिंदी पठन-पाठन की भाषा है।
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टैग खराब है या उसका नाम खराब है.इस गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध नहीं है प्राथमिक शिक्षा के लिए बच्चे बगल के गांव में जाते हैं। भभुआ इस गांव का सबसे नजदीकी शहर है जो कि जिला मुख्यालय भी है। तमाम असुविधाओं के बावजूद भी यहां के बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रखते हैं और कुछ सरकारी नौकरियों में कार्यरत भी है।
[2] - इस गांव में भगवान शिव का एक बड़ा ही भव्य मंदिर बना है जो की आकर्षण का केंद्र है यहां प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के समय एक महायज्ञ का आयोजन भी किया जाता है, इस महायज्ञ में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान शिव का शिवलिंग स्वयं ही प्रकट हुआ था, बाद में वहां पर सुन्दरी गांव के सभी लोगों ने मिलकर सामाजिक सहभागिता से यहां मंदिर की स्थापना कराया।
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