खड़ीबोली गद्य को बढ़ने हेतु सदासुखलाल का महत्वपूर्ण स्थान है'सुखसागर' सदासुखलाल द्वारा रचित एक ग्रन्थ है जो कि हिंदी की प्रारम्भिक कृतियों में से एक है।

 सुखसागर सनातन मतावलम्बियों का एक विशिष्ट धार्मिक ग्रन्थ है। इसमें मुख्य रूप से भक्ति की प्रधानता है। अतः यत्र-तत्र भगवान श्रीकृष्ण को भगवान् सिद्ध करते हुए उनकी भक्ति को ही परम लक्ष्य तथा मोक्ष प्राप्ति का मुख्य साधन माना गया है।

इन्हें भी देखें संपादित करें