सुखोई एसयू-7
सुखोई एसयू-7 (Sukhoi Su-7) (नाटो पदनाम नाम: फिटर-ए) 1955 में सोवियत संघ द्वारा विकसित एक स्वस्त्र पंख, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था। यह सामरिक, निम्न स्तरीय डॉफफायटर के रूप में डिजाइन किया गया था, लेकिन इस भूमिका में यह सफल नहीं हुआ। दूसरी ओर, सुखोई एसयू-7 के बाद 1960 के दशक की शुरू सुखोई एसयू-7बी श्रृंखला मुख्य सोवियत लड़ाकू-बमवर्षक और जमीन पर हमले वाला विमान बन गया। सुखोई एसयू-7 अपनी सादगी में असभ्य था, लेकिन इसकी कमियों में कम दूरी और कम हथियार लोड शामिल थे।
सुखोई एसयू-7 Su-7 | |
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1991 में पोलिश सुखोई एसयू-7 का फोटो | |
प्रकार | लड़ाकू और बॉम्बर/जमीन पर हमले वाला विमान |
उत्पत्ति का देश | सोवियत संघ |
उत्पादक | सुखोई |
प्रथम उड़ान | 7 सितंबर 1955 |
आरंभ | 1959 |
स्थिति | कोरियाई पीपुल्स आर्मी एयर फोर्स मे अभी भी सीमित सेवा में |
प्राथमिक उपयोक्तागण | सोवियत वायु सेना भारतीय वायु सेना |
निर्मित | 1957–1972 |
निर्मित इकाई | 1,847 (मुख्य रूप से सुखोई एसयू-7बी श्रृंखला) |
के रूप में विकसित किया गया | सुखोई एसयू-17 |
संचालन इतिहास
संपादित करेंमिस्र
संपादित करें1967 के छह दिवसीय युद्ध में सुखोई एसयू-7 को मिस्र के साथ युद्ध देखा गया। और इज़राइली जमीन बल पर हमला करने के लिए मिस्र द्वारा यम किपपुर युद्ध में सुखोई एसयू-7 का उपयोग देखा गया।
भारत
संपादित करेंभारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में व्यापक रूप से सुखोई एसयू-7 का इस्तेमाल किया। छह स्क्वाड्रन के कुल 140 विमान ने युद्ध के दौरान लगभग 1,500 आक्रमणपूर्ण उड़ानों की उड़ान भरी। भारतीय वायु सेना ने अपने सुखोई एसयू-7 के साथ एक बहुत ही उच्च परिचालन गति को बरकरार रखा। भारतीय वायु सेना ने छह पायलट प्रति दिन की दर से रोजाना अभियास करते थे। चौदह सुखोई एसयू-7 1971 के युद्ध के दौरान खो गए थे। युद्ध के बाद, यह पाया गया कि विमान को उच्च क्षतिपूर्ति थी, भारी क्षति प्राप्त करने के बावजूद सुखोई एसयू-7 उड़ान भरने मे सक्षम रहे। और कई पायलेट उच्च क्षतिपूर्ति हुए विमान से सुरक्षित रूप से वापिस आए थे। उदाहरण के लिए, विंग कमांडर एच.एस.मंगट के सुखोई एसयू-7 को पाकिस्तानी वायुसेना के जे-6 विमान ने एक सिडवाइंडर मिसाइल से बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। प्रभाव इतना गंभीर था कि आधा पतवार गायब हो हया, लिफ्ट, एलियलेन और फ्लैप गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए, और आधा मिसाइल चुट पाइप में फंस गया था। लेकिन फिर भी पायलट सुरक्षित रूप से सुखोई एसयू-7 के साथ अपने बेस पर वापस आए थे।
ऑपरेटर्स
संपादित करेंनीला = वर्तमान | गहरा लाल = पूर्व |
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वर्तमान ऑपरेटर्स
संपादित करें- उत्तर कोरियाई वायु सेना
पूर्व ऑपरेटर्स
संपादित करें- अफगान वायु सेना
- अल्जीरियाई वायु सेना
- चेकोस्लोवाक वायु सेना
- मिस्र की वायु सेना
- भारतीय वायु सेना – सुखोई एसयू-7 140 को 1968 में वितरित किया गया था, जिससे छह स्क्वाड्रनों को बनाया गया था। अतिरिक्त 14 आहरण प्रतिस्थापन प्रदान किए गए थे। अंतिम इकाइi को 1986 में सेवानिवृत्त किया गया था।[1]
- इराकी वायु सेना
- पोलिश वायु सेना
- सोवियत वायु सेना
- सीरियाई वायु सेना
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Rakshak, Bharat. "Su-7." Archived 2009-12-30 at the वेबैक मशीन IAF History. Retrieved; 28 January 2011.