सुजाता रामदोरई टीआईएफआर, मुंबई में गणित की प्राध्यापक है। वर्तमान में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय, कनाडा के साथ जुडी हुए हैं। वह २००६ में प्रतिष्ठित आईसीटीपी रामानुजन पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय हैं। २००४ में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार के विजेता रही। वह गोनीत सोरा के सलाहकार बोर्ड में भी हैं।[1]

सुजाता रामदोरै

सुजाता रामदोरै
आवास वैंकूवर
नागरिकता भारतीय
क्षेत्र अंक शास्त्र
संस्थान ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय
शिक्षा सेंट जोसेफ कॉलेज, बैंगलोर
अन्नामलाई विश्वविद्यालय
डॉक्टरी सलाहकार रमन परिमल

उन्होंने १९८२ में सेंट जोसेफ कॉलेज, बैंगलोर में अपनी बी.एस.सी. पूरी की और १९८५ में एमएससी अन्नामलाई विश्वविद्यालय से पत्राचार के माध्यम से। टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से पीएचडी की और १९९२ में रमन परिमा की देखरेख में उन्हें पीएचडी से सम्मानित किया गया।

संपादकीय स्थिति

संपादित करें
  • प्रबंध संपादक, संख्या सिद्धांत के अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका (IJNT)
  • संपादक, रामानुजन गणितीय सोसायटी के जर्नल (जेआरएमएस)[2]
  • एसोसिएट एडिटर, एक्स्पोज़शन मैथेमैटिका[3]
  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2017.
  2. "Homepage". मूल से 3 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2017.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 21 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जून 2017.